प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री से जुड़ा विवाद दिल्ली उच्च न्यायालय में फिर एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। वहीं, अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला राजनीतिक हलकों की चहलकदमी के बीच लखनऊ पहुंचे, जहां उनका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भव्य स्वागत किया।
डिग्री विवाद: फैसला फिर टला
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सूचना आयोग (CIC) के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली विश्वविद्यालय की याचिका पर फैसला 25 अगस्त को सुनाया जाना था, लेकिन कोर्ट ने निर्णय को आगे स्थगित कर दिया।
यह मामला RTI के तहत जानकारी की पारदर्शिता से जुड़ा है—कहां तक सार्वजनिक पदधारियों की शिक्षा और दस्तावेज़ जनता के लिए खुलना चाहिए। अभी कोर्ट ने फैसला टालते हुए संवेदनशीलता को ध्यान में रखा है, जिससे आगे की सुनवाई महत्वपूर्ण दिशा तय कर सकती है।
शुभांशु शुक्ला का लखनऊ आगमन
इसी बीच, भारत के पहले निष्क्रिय मिशन अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला राजधानी लखनऊ पहुँचे। एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत हुआ, जिसमें बच्चों की मौजूदगी और संस्कृति रंगों ने माहौल को विशेष बना दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उन्हें मुखातिब हुए, और इस मौके पर राज्य में अंतरिक्ष विज्ञानों में युवाओं के प्रेरणा स्रोत बनने की उम्मीद जताई गई।
क्यों महत्वपूर्ण है यह फैसला?
पहलू विवरण
डिजिटलीकरण और पारदर्शिता स्पष्टता की दिशा में RTI की भूमिका महत्वपूर्ण है।
शासन में जवाबदेही प्रधानमंत्री जैसे उच्च पदस्थ व्यक्ति की योग्यता पर सवाल उठना सामान्य लोकतांत्रिक अधिकार का हिस्सा है।
कानूनी मिसाल यह मामला भविष्य में अन्य सार्वजनिक पदधारियों की पारदर्शिता से जुड़े सवालों की नींव डाल सकता है।
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