कटिहार: ज़िले से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। हसनगंज प्रखंड के जगर्नाथपुर पंचायत स्थित मदरसा रहमत-ए-आलम धोकरदा में पढ़ने वाले 12 साल के छात्र कौशर आलम के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गई। परिजनों का आरोप है कि मदरसे के हेड मौलवी परवेज़ आलम ने बच्चे को सिर्फ इसलिए बेरहमी से पीटा, क्योंकि वह कुछ दिन मदरसे नहीं आया था। गंभीर पिटाई से बच्चे की आवाज गईयही नहीं, मौलवी पर आरोप है कि उसने कौशर के मुंह में जलती हुई माचिस की तीली डाल दी, जिससे बच्चा बुरी तरह घायल हो गया और उसकी आवाज तक बंद हो गई है। घटना के बाद परिजन जब मदरसे पहुंचे तो उन्हें भी कथित रूप से एक कमरे में बंद कर प्रताड़ित किया गया। बच्चे का इलाज अस्पताल में जारी है, परिजन सदमे में हैं और इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। आरोपी मौलवी ने आरोपों को किया खारिजमदरसा के हेड मौलवी परवेज आलम ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनपर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है। बच्चे के नामांकन के एक महीना के बाद उसकी तबीयत खराब हो गई, जिसके 15 दिन के बाद बच्चे के परिजनों ने उसे मदरसा पहुंचाया, लेकिन बच्चा दूसरे दिन ही भाग गया। उसके परिजन शुक्रवार को लेकर आए तो मदरसे में बच्चे को मैंने समझाया और उसे दो तीन छड़ी पिटाई की। उसके बाद बच्चा क्लास भी किया और दो घंटे के बाद बच्चे की आवाज गुम हो गई। उसके बाद उसे इलाज के लिए ले जाया गया, जिसके बाद उसके परिजनों को उसकी सूचना दी गई और वो लोग उसे सदर अस्पताल ले गए। जांच में जुटा स्थानीय प्रशासनउन्होंने कहा कि जहां तक बच्चे के परिजनों के साथ मारपीट की बात है ये बिलकुल गलत है। उन लोगों के साथ कोई मारपीट नहीं की गई है। बल्कि बच्चे के परिजन ही मदरसे में तोड़ फोड़ की थी। मामला सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस हरकत में आ गई है। पीड़ित परिवार की शिकायत पर जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल पुलिस मौलवी से पूछताछ कर रही है और मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
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मौलवी है या जल्लाद! पहले जी भर पीटा फिर जलती माचिस की तिल्ली मुंह में डाली, छात्र की गई जुबान
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