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दूसरे नोएडा एक्सप्रेसवे को मिली हरी झंडी, यमुना किनारे बनेगा, ग्रेटर नोएडा के लिए ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत

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आदित्‍य देव, नोएडा: नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच एक और एक्सप्रेसवे बनने की तैयारी है। नोएडा अथॉरिटी ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है। पिछले हफ्ते बोर्ड मीटिंग में इस पर लंबी चर्चा हुई। मीटिंग में इसकी जरूरत, डिजाइन और रूट पर बात हुई।अब दो बातें सामने आ रही हैं। पहला, आठ लेन का एक्सप्रेसवे जमीन पर बनाया जाए। दूसरा, छह लेन की एलिवेटेड रोड यमुना नदी के किनारे बनाई जाए। यह एलिवेटेड रोड ओखला बैराज (कालिंदी कुंज के पास) से यमुना एक्सप्रेसवे तक जाएगी।नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच यमुना नदी के किनारे एक और रास्ता बनाने की योजना पहले से चल रही है। लेकिन अब इसकी जरूरत और भी ज्यादा महसूस हो रही है। क्योंकि नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक बहुत बढ़ गया है। यहां रिहायशी और कमर्शियल प्रॉपर्टीज तेजी से बढ़ रही हैं। इसके अलावा, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी इसी साल खुलने वाला है। इससे भी ट्रैफिक और बढ़ेगा।नोएडा प्रशासन चाहता है कि इस नए एक्सप्रेसवे को बनाने का काम NHAI (नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया) करे। अगर NHAI यह काम करता है, तो इस सड़क को नेशनल हाईवे घोषित किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, 28 मार्च को हुई बोर्ड मीटिंग में चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अगर NHAI यह काम नहीं करता है, तो नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी को मिलकर यह सड़क बनानी चाहिए।नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक बहुत बढ़ गया है। इसकी वजह यह है कि इसके दोनों तरफ रिहायशी, इंडस्ट्रियल, इंस्टीट्यूशनल और कमर्शियल इलाके तेजी से विकसित हो रहे हैं। कोविड के बाद ग्रेटर नोएडा की आबादी भी बढ़ गई है। इसलिए एक्सप्रेसवे पर दिन भर जाम लगा रहता है। लोगों को डर है कि कहीं इसका हाल भी दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेसवे जैसा न हो जाए। दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेसवे पर सुबह और शाम के समय बहुत ज्यादा ट्रैफिक होता है। इसलिए एक बाईपास बनाना जरूरी है।अनुमान है कि आने वाले सालों में ट्रैफिक और भी बढ़ेगा। क्योंकि नोएडा के पूर्व में बहुत विकास होने वाला है। खासकर जेवर में एयरपोर्ट बन रहा है। इसके अलावा, यमुना एक्सप्रेसवे और ग्रेटर नोएडा के आसपास इंडस्ट्रियल और हाउसिंग प्रोजेक्ट्स भी बन रहे हैं।प्रस्तावित नया एक्सप्रेसवे ओखला बैराज से यमुना एक्सप्रेसवे तक जाएगा। यह हिंडन-यमुना दोआब से होकर गुजरेगा। सूत्रों के अनुसार, रूट तय करते समय यमुना के किनारे बनी सड़कों का ध्यान रखा जाएगा। यह इलाका अभी सिंचाई विभाग के अंतर्गत आता है।ओखला बैराज और सिंचाई विभाग के ड्रेन के बीच एक चार लेन की सड़क है। यह 11 किलोमीटर लंबी है। यह सेक्टर 94, 124, 125, 126, 127, 128, 129, 130, 131, 132, 133, 134 और 135 के पास से गुजरती है। इसके बाद, हिंडन-यमुना दोआब बंधा रोड है। यह 14 किलोमीटर लंबी है। यह सेक्टर 150, 160, 162, 164, 165 और 167 के पास से गुजरती है।नए एक्सप्रेसवे में एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स, लूप्स और अंडरपास बहुत सोच-समझकर बनाने होंगे। सूत्रों के अनुसार, सेक्टर 168 में फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद (FNG) एक्सप्रेसवे के साथ एक इंटरचेंज बनाया जाएगा। इसी तरह, सेक्टर 150 में नए एक्सप्रेसवे को सेक्टर 149A और सेक्टर 150 के बीच की मेन रोड से जोड़ा जाएगा।नोएडा अथॉरिटी को एक ट्रैफिक सर्वे और फीजिबिलिटी स्टडी करानी होगी। इसके बाद एक DPR (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जाएगी। DPR में यह तय होगा कि सड़क जमीन पर बनेगी या एलिवेटेड होगी।नोएडा एक्सप्रेसवे बाईपास का प्रस्ताव पहली बार नवंबर 2023 में आया था। नोएडा अथॉरिटी चाहती थी कि NHAI इसका निर्माण करे। लेकिन NHAI ने उस समय सड़क बनाने में असमर्थता जताई थी।
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