नई दिल्ली: भारत से पंगा लेना पाकिस्तान को महंगा पड़ गया है। इतना महंगा कि दो महीने में ही पाकिस्तान को 14.39 मिलियन डॉलर (करीब 126 करोड़ रुपये) का नुकसान हो गया है। पहले से ही कर्ज में गले तक डूबे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए यह गहरी चोट है। हालांकि इस नुकसान का जिम्मेदार पाकिस्तान खुद ही है। पाकिस्तान ने यह नुकसान भारतीय विमानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद करने से हुआ है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को भारत के लिए बंद कर दिया। इससे रोजाना 100 से 150 भारतीय विमान प्रभावित हुए। पाकिस्तान के आसमान से गुजरने वाले विमानों की संख्या लगभग 20 प्रतिशत तक कम हो गई। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक पाकिस्तान को भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने के बाद सिर्फ दो महीनों में 14.39 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
नेशनल असेंबली में दी जानकारीयह जानकारी नेशनल असेंबली में दी गई। पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया कि यह नुकसान 24 अप्रैल से 30 जून, 2025 के बीच हुआ है। भारत के विमानों और भारतीय कंपनियों द्वारा संचालित, स्वामित्व वाले या पट्टे पर लिए गए विमानों के लिए उड़ान की अनुमति वापस ले ली गई थी। पाकिस्तान ने जो हवाई क्षेत्र बंद किया, उसका असर यह हुआ कि उसके ऊपर से गुजरने वाले विमानों की संख्या कम हो गई। इससे पाकिस्तान को जो कमाई होती थी, उसमें भी गिरावट आ गई।
नुकसान पर क्या बोला पाकिस्तान?पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने संसद को बताया कि हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने का फैसला संघीय सरकार का होता है। यह फैसला 'नोटिस टू एयरमेन' (NOTAMs) के जरिए जारी किया जाता है। NOTAMs एक तरह का नोटिस होता है जो पायलटों को हवाई क्षेत्र में होने वाले बदलावों के बारे में बताता है। मंत्रालय ने कहा, हालांकि वित्तीय नुकसान होता है, लेकिन संप्रभुता और राष्ट्रीय रक्षा आर्थिक विचारों से ऊपर हैं।
अभी क्या है स्थिति?अभी पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र भारतीय एयरलाइनों को छोड़कर सभी अंतरराष्ट्रीय विमानों के लिए खुला है। यह प्रतिबंध दो बार बढ़ाया जा चुका है और यह कम से कम अगस्त के आखिरी हफ्ते तक लागू रहेगा। इसी तरह, भारतीय अधिकारियों ने भी पाकिस्तानी विमानों के भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को भारत के लिए बंद कर दिया। इससे रोजाना 100 से 150 भारतीय विमान प्रभावित हुए। पाकिस्तान के आसमान से गुजरने वाले विमानों की संख्या लगभग 20 प्रतिशत तक कम हो गई। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक पाकिस्तान को भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने के बाद सिर्फ दो महीनों में 14.39 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
नेशनल असेंबली में दी जानकारीयह जानकारी नेशनल असेंबली में दी गई। पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया कि यह नुकसान 24 अप्रैल से 30 जून, 2025 के बीच हुआ है। भारत के विमानों और भारतीय कंपनियों द्वारा संचालित, स्वामित्व वाले या पट्टे पर लिए गए विमानों के लिए उड़ान की अनुमति वापस ले ली गई थी। पाकिस्तान ने जो हवाई क्षेत्र बंद किया, उसका असर यह हुआ कि उसके ऊपर से गुजरने वाले विमानों की संख्या कम हो गई। इससे पाकिस्तान को जो कमाई होती थी, उसमें भी गिरावट आ गई।
नुकसान पर क्या बोला पाकिस्तान?पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने संसद को बताया कि हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने का फैसला संघीय सरकार का होता है। यह फैसला 'नोटिस टू एयरमेन' (NOTAMs) के जरिए जारी किया जाता है। NOTAMs एक तरह का नोटिस होता है जो पायलटों को हवाई क्षेत्र में होने वाले बदलावों के बारे में बताता है। मंत्रालय ने कहा, हालांकि वित्तीय नुकसान होता है, लेकिन संप्रभुता और राष्ट्रीय रक्षा आर्थिक विचारों से ऊपर हैं।
अभी क्या है स्थिति?अभी पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र भारतीय एयरलाइनों को छोड़कर सभी अंतरराष्ट्रीय विमानों के लिए खुला है। यह प्रतिबंध दो बार बढ़ाया जा चुका है और यह कम से कम अगस्त के आखिरी हफ्ते तक लागू रहेगा। इसी तरह, भारतीय अधिकारियों ने भी पाकिस्तानी विमानों के भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा है।
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