विशाखापट्टनम: आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में अगले हफ्ते भारी से मूसलाधार बारिश का सामना करना पड़ सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग) ने चेतावनी जारी की है कि बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवाती तूफान तेजी से आंध्र तट की ओर बढ़ रहा है। इस चक्रवात का नाम ‘मोंथा’ रखा गया है, जिसे थाईलैंड ने नामित किया है। यह अक्टूबर महीने का दूसरा चक्रवात होगा। इससे पहले इसी महीने ‘चक्रवात शक्ति’ अरब सागर में गुजरात तट के पास बना था।
आईएमडी के अनुसार, शनिवार को दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी पर बना दबाव क्षेत्र पश्चिम दिशा में आगे बढ़ा और वर्तमान में पोर्ट ब्लेयर से लगभग 440 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, विशाखापत्तनम से 970 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व, चेन्नै से 970 किलोमीटर पूर्व-दक्षिण पूर्व, काकीनाडा से 990 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और गोपालपुर (ओडिशा) से 1040 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में केंद्रित है। मौसम विभाग ने बताया कि यह प्रणाली रविवार तक गहरे दबाव में तब्दील हो जाएगी और सोमवार (27 अक्टूबर) तक चक्रवाती तूफान के रूप में रूपांतरित हो जाएगी। इसके बाद यह उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए मंगलवार(28 अक्टूबर तक गंभीर चक्रवातीय तूफान का रूप ले सकती है।
90 से 100 किमी की रफ्तार से चलेंगी हवाएं
आईएमडी का कहना है कि यह तूफान लगातार उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा और 28 अक्टूबर को काकीनाडा के आसपास, मछलीपट्टनम और कालिंगपट्टनम के बीच, आंध्र प्रदेश तट से टकरा सकता है। इस दौरान हवा की गति 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी, जो झोंकों में 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। राज्य के कई तटीय जिलों विशेषकर पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, विशाखापत्तनम, काकीनाडा और श्रीकाकुलम में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश भी हो सकती है।
जारी किया गया अलर्ट
पिछले कुछ दिनों से राज्य में हल्की से मध्यम बारिश हो रही है, लेकिन चक्रवात मोंथा के सक्रिय होने से वर्षा की तीव्रता कई गुना बढ़ने की आशंका है। प्रशासन ने पहले ही आपदा प्रबंधन टीमों (Disaster Management Teams) को अलर्ट पर रखा है। एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें तटीय जिलों में तैनात की जा रही हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। सरकार ने मछुआरों को 27 अक्टूबर से समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी है। साथ ही तटीय गांवों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। राज्य के बंदरगाहों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
आईएमडी के अनुसार, शनिवार को दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी पर बना दबाव क्षेत्र पश्चिम दिशा में आगे बढ़ा और वर्तमान में पोर्ट ब्लेयर से लगभग 440 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, विशाखापत्तनम से 970 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व, चेन्नै से 970 किलोमीटर पूर्व-दक्षिण पूर्व, काकीनाडा से 990 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और गोपालपुर (ओडिशा) से 1040 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में केंद्रित है। मौसम विभाग ने बताया कि यह प्रणाली रविवार तक गहरे दबाव में तब्दील हो जाएगी और सोमवार (27 अक्टूबर) तक चक्रवाती तूफान के रूप में रूपांतरित हो जाएगी। इसके बाद यह उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए मंगलवार(28 अक्टूबर तक गंभीर चक्रवातीय तूफान का रूप ले सकती है।
90 से 100 किमी की रफ्तार से चलेंगी हवाएं
आईएमडी का कहना है कि यह तूफान लगातार उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा और 28 अक्टूबर को काकीनाडा के आसपास, मछलीपट्टनम और कालिंगपट्टनम के बीच, आंध्र प्रदेश तट से टकरा सकता है। इस दौरान हवा की गति 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी, जो झोंकों में 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। राज्य के कई तटीय जिलों विशेषकर पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, विशाखापत्तनम, काकीनाडा और श्रीकाकुलम में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश भी हो सकती है।
जारी किया गया अलर्ट
पिछले कुछ दिनों से राज्य में हल्की से मध्यम बारिश हो रही है, लेकिन चक्रवात मोंथा के सक्रिय होने से वर्षा की तीव्रता कई गुना बढ़ने की आशंका है। प्रशासन ने पहले ही आपदा प्रबंधन टीमों (Disaster Management Teams) को अलर्ट पर रखा है। एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें तटीय जिलों में तैनात की जा रही हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। सरकार ने मछुआरों को 27 अक्टूबर से समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी है। साथ ही तटीय गांवों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। राज्य के बंदरगाहों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
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