गुवाहाटी : कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष गौरव गोगोई ने बुधवार को कहा कि अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी गठबंधन को हराने के लिए कम से कम आठ विपक्षी दलों ने एकजुट होकर लड़ने का फैसला किया है। असम की 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में चुनाव होने की संभावना है। गोगोई ने कहा कि हमने (विपक्षी दलों ने) विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा की। असम के लोगों को भाजपा के अत्याचार और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के अन्याय से मुक्त कराने के लिए हम सभी एकजुट हैं। हम 2026 का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे। आज की बैठक का मुख्य निर्णय यही था। उन्होंने कहा कि अन्य मुद्दे भी हैं, जिनके बारे में आने वाले दिनों में धीरे-धीरे जनता को जानकारी दी जाएगी।
ये पार्टियों होंगी शामिल
आठ पार्टियों में कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा), रायजोर दल, असम जातीय परिषद, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (भाकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, जातीय दल-असोम (जेडीए) और कार्बी आंगलोंग स्थित ऑल पार्टी हिल लीडर्स कॉन्फ्रेंस (एपीएचएलसी) शामिल है। बैठक को लेकर रायजोर दल के विधायक अखिल गोगोई ने को बताया कि आने वाले समय में सभी विपक्षी दल सभी प्रमुख मुद्दों पर समन्वित दृष्टिकोण अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में सभी विपक्षी दल एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएंगे। हम हर मंच पर एक साथ होंगे।
एआईयूडीएफ बिल्कुल भी शामिल नहीं होगी
गोगोई ने कहा कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी दल आगामी कुछ दिनों में अपने एजेंडे को अंतिम रूप देंगे और विपक्षी दलों के साझा घोषणापत्र पर विचार-विमर्श शुरू करने के लिए इसी महीने फिर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि इस विपक्षी एकता में एआईयूडीएफ बिल्कुल भी शामिल नहीं होगी। यह भाजपा की तरह ही सांप्रदायिक पार्टी है। यह विपक्षी गठबंधन किसी भी प्रकार की सांप्रदायिकता के सख्त खिलाफ है। वर्तमान में, 126 सदस्यीय असम विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 64 विधायक हैं, जबकि उसके सहयोगी दल असम गण परिषद (एजीपी) के नौ, यूपीपीएल के सात और बीपीएफ के तीन सदस्य हैं। विपक्षी खेमे में, कांग्रेस के 26, एआईयूडीएफ के 15 और माकपा का एक विधायक है। एक निर्दलीय विधायक भी है। अगस्त में, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और एजीपी प्रमुख अतुल बोरा जैसे राजग के कई नेताओं ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में 100 सीट जीतने का लक्ष्य रखा था।
ये पार्टियों होंगी शामिल
आठ पार्टियों में कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा), रायजोर दल, असम जातीय परिषद, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (भाकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, जातीय दल-असोम (जेडीए) और कार्बी आंगलोंग स्थित ऑल पार्टी हिल लीडर्स कॉन्फ्रेंस (एपीएचएलसी) शामिल है। बैठक को लेकर रायजोर दल के विधायक अखिल गोगोई ने को बताया कि आने वाले समय में सभी विपक्षी दल सभी प्रमुख मुद्दों पर समन्वित दृष्टिकोण अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में सभी विपक्षी दल एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएंगे। हम हर मंच पर एक साथ होंगे।
एआईयूडीएफ बिल्कुल भी शामिल नहीं होगी
गोगोई ने कहा कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी दल आगामी कुछ दिनों में अपने एजेंडे को अंतिम रूप देंगे और विपक्षी दलों के साझा घोषणापत्र पर विचार-विमर्श शुरू करने के लिए इसी महीने फिर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि इस विपक्षी एकता में एआईयूडीएफ बिल्कुल भी शामिल नहीं होगी। यह भाजपा की तरह ही सांप्रदायिक पार्टी है। यह विपक्षी गठबंधन किसी भी प्रकार की सांप्रदायिकता के सख्त खिलाफ है। वर्तमान में, 126 सदस्यीय असम विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 64 विधायक हैं, जबकि उसके सहयोगी दल असम गण परिषद (एजीपी) के नौ, यूपीपीएल के सात और बीपीएफ के तीन सदस्य हैं। विपक्षी खेमे में, कांग्रेस के 26, एआईयूडीएफ के 15 और माकपा का एक विधायक है। एक निर्दलीय विधायक भी है। अगस्त में, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और एजीपी प्रमुख अतुल बोरा जैसे राजग के कई नेताओं ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में 100 सीट जीतने का लक्ष्य रखा था।
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