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Hartalika Teej की तैयारी कर रही हो? 16 श्रृंगार करना मत भूलना, नहीं पता तो जान लो कौन सी चीजे हैं जरूरी

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इस साल हरतालिका तीज का त्यौहार 26 अगस्त को मनाया जाएगा। ये त्यौहार सभी शादीशुदा महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन मां पार्वती और महादेव की पूजा करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। मगर इस त्यौहार को करने के लिए महिलाओं को कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है। इन्हीं में से एक नियम सोलह श्रृंगार का भी होता है। जी हां, सुहागन महिलाएं हरतालिका तीज की पूजा सोलह श्रृंगार करने के बाद ही करती हैं। हालांकि, महिलाओं के मन में अक्सर ये सवाल आता है कि 16 श्रृंगार आखिर है क्या? इसमने किन चीजों को शामिल किया जाता है और इसे नियम है बस इसीलिए करना पड़ता है या कोई और वजह भी है?
16 श्रृंगार में किन चीजों को शामिल किया जाता है? image

अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल आते हैं, तो अब समय आ गया है कि आप इन प्रश्नों पर हमेशा के लिए विराम लगा दें। यहां हम आपको बताएंगे कि 16 श्रृंगार में किन चीजों को शामिल किया जाता है और इसे करने का महत्व क्या है। साथ ही, आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि हम आपको जो जानकारी दे रहे हैं, ये हरतालिका तीज के त्यौहार तक सीमित नहीं है।

आपको जिन भी त्यौहारों में 16 श्रृंगार करने के लिए कहा जाएगा। उसमें इन्हीं सभी चीजों को शामिल करना होगा। आइए अब इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के आधार पर जान लेते हैं कि सोलह श्रृंगार में किन चीजों को शामिल किया जाता है?


बिंदी और सिंदूर image

जी हां, जब भी सोलह श्रृंगार की बात होती है, तो माथे पर बिंदी और मांग में सिंदूर लगाना बहुत जरुरी होता है। बिंदी को माथे के बीच में यानी आज्ञा चक्र पर लगाया जाता है, जो कि एनर्जी और ध्यान का केंद्र है। इससे आपका फोकस बढ़ता है और मन शांत रहता है। वहीं, लोग मान्यताओं के हिसाब से सिंदूर मांग में भरने से देवी पार्वती का आशीर्वाद मिलता है और ये सुहाग की लंबी आयु का प्रतीक होता है।


काजल और मेहंदी image

बता दें कि काजल और मेहंदी सुंदरता बढ़ाने तक ही सिमित नहीं होती हैं। दरअसल, काजल घर पर बादाम से बनाया जाए, तो ये आंखों की रक्षा करता है और नजर दोष से बचाता है। वहीं, मेहंदी हाथों को ठंडक देती है। इसके अलावा, सौभाग्य और प्यार का प्रतीक भी होती है।



चूड़ियां और कुमकुम image

चूड़ियां महज हाथों की शोभा नहीं बढ़ाती हैं, बल्कि मधुर आवाज का भी कारण बनती है। इस आवाज से पूरे घर में पॉजिटिव एनर्जी फैलती है। वहीं, कुमकुम मस्तक यानी माथे पर लगाने से आध्यात्मिक शक्ति जागृत होती है। ये सनातन धर्म का बहुत ही अहम हिस्सा और प्रतीक होता है।


गजरा और मांग टीका image

गजरा यानी फूलों को बालों में लगाने से मन खुश रहता है और वातावरण भी खुशबूदार बना रहता है। इससे महिलाओं को देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। वहीं, मांग टीके को माथे के बीच में पहना जाता है, जो कि एनर्जी को बैलेंस करने का काम करता है।



नाक की नथ और झुमके image

महिलाओं के लिए नथ पहनना फायदेमंद होता है। ये सिर्फ अच्छे लुक से नहीं जुड़ा होता है, बल्कि महिलाओं के प्रजनन तंत्र और रिप्रोडक्टिव स्वास्थ्य से जुड़ा होता है। इससे उनकी सेहत अच्छी रहती है। वहीं, झुमके कान के एक्यूप्रेशर बिंदुओं पर असर डालते हैं, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।


मंगलसूत्र और गले का हार image

मंगलसूत्र को वैवाहिक बंधन और पति की लंबी उम्र का प्रतीक माना जाता है। वहीं, गले का हार हृदय चक्र को शक्ति देने का काम करता है। साथ ही, ये प्रेम और तालमेल को बढ़ाने का काम करता है।




बाजूबंद, पायल और बिछिया image

बता दें कि जूलरी के ये तीनों हिस्से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बैलेंस करने का काम करते हैं। बाजूबंद हाथों की शोभा बढ़ाते हैं। इसके अलावा, [ऑयल और बिछिये पैरों के एक्यूप्रेशर बिंदुओं पर दबाव डालते हैं। इससे सेहत में भी सुधार होता है।




आल्ता और इत्र image

बता दें कि सोलह श्रृंगार को पूरा करने के लिए महिलाओं को पैरों में आल्ता लगाना होता है। इसे पैरों की सुंदरता बढ़ाने और शुभता का प्रतीक माना जाता है। वहीं, इत्र तन-मन को शुद्ध और ताजगी से भरने का काम करता है। ध्यान रखें कि ये जानकारी लोक मान्यताओं पर आधारित है।





(Disclaimer: ये लेख आपकी जानकारी के लिए है। साथ ही याद रखें कि हर किसी की स्किन अलग-अलग होती है, इसलिए किसी भी तरह के नुस्खे को अपनाने से पहले पैच टेस्ट करना बिल्कुल न भूलें। अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है या आपको किसी भी तरह की एलर्जी है, तो सबसे पहले स्किन स्पेशलिस्ट से बात करें। उनके कहे अनुसार ही स्किन पर कुछ इस्तेमाल करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।)

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