चंडीगढ़/गुरुग्राम: दिल्ली से सटे गुरुग्राम में बीजेपी ने एक बार फिर से अपनी बादशाहत साबित की है। प्रतिष्ठापूर्ण माने जा रहे मानेसर नगर निगम में सीनियर और डिप्टी मेयर के पदों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया है। मंगलवार को बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की। बीजेपी के उम्मीदवार प्रवीण यादव सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर रीमा चौहान को चुना गया। दोनों का निर्विरोध निर्वाचन हुआ। इस जीत के साथ बीजेपी ने गुरुग्राम से अलग होकर बने मानेसर नगर निगम में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। मेयर चुनावों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। तब निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर डॉ. इंद्रजीत कौर जीती थीं। मानेसर नगर निगम में कुल पार्षदों से संख्या 20 है। बीजेपी के सात पार्षद जीते थे, जबकि 13 निर्दलीय थे। बाद में सात निर्दलीय बीजेपी में शामिल हुए थे। तब इसका श्रेय हरियाणा के मंत्री राव नरबीर को दिया गया था। इसके बाद बीजेपी का संख्याबल बढ़ गया था।
मेयर खेमे ने किया बहिष्कार
मानेसर नगर निगम में सीनियर और डिप्टी मेयर का चुनाव मेयर डॉ. इंद्रजीत कौर खेमे के बहिष्कार के बीच संपन्न हुआ। चुनाव में मेयर इंद्रजीत कौर और उनके खेमे के 8 पार्षद शामिल नहीं हुए। सभी ने चुनाव प्रक्रिया का बहिष्कार किया। डॉ. इंद्रजीत कौर को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का करीबी माना जाता है। मानेसर में सीनियर और डिप्टी मेयर के पदों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए जोरआजमाइश सामने आई थी। बीजेपी ने अपने और कुछ निर्दलीय पार्षदों को सुरक्षित करने के लिए नेपाल भेज दिया था। ये सभी चुनाव के दिन ही गुरुग्राम लौटे थे। तब इस घटनाक्रम को छोटे राव और बड़े राव की लड़ाई माना गया था। अहीरवाल में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को बड़े राव की संज्ञा मिली है। वे दशकों से अपना सिक्का जमाए हैं जबकि बादशाहपुर जीतकर फिर विधायक और मंत्री बने राव नरबीर उनके विरोधी है। ऐसे में सीनियर और डिप्टी मेयर के चुनाव को दोनों नेताओं से जोड़कर देखा गया था । मानेसर गुरुग्राम का औद्योगिक हब है।
मेयर खेमे ने किया बहिष्कार
मानेसर नगर निगम में सीनियर और डिप्टी मेयर का चुनाव मेयर डॉ. इंद्रजीत कौर खेमे के बहिष्कार के बीच संपन्न हुआ। चुनाव में मेयर इंद्रजीत कौर और उनके खेमे के 8 पार्षद शामिल नहीं हुए। सभी ने चुनाव प्रक्रिया का बहिष्कार किया। डॉ. इंद्रजीत कौर को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का करीबी माना जाता है। मानेसर में सीनियर और डिप्टी मेयर के पदों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए जोरआजमाइश सामने आई थी। बीजेपी ने अपने और कुछ निर्दलीय पार्षदों को सुरक्षित करने के लिए नेपाल भेज दिया था। ये सभी चुनाव के दिन ही गुरुग्राम लौटे थे। तब इस घटनाक्रम को छोटे राव और बड़े राव की लड़ाई माना गया था। अहीरवाल में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को बड़े राव की संज्ञा मिली है। वे दशकों से अपना सिक्का जमाए हैं जबकि बादशाहपुर जीतकर फिर विधायक और मंत्री बने राव नरबीर उनके विरोधी है। ऐसे में सीनियर और डिप्टी मेयर के चुनाव को दोनों नेताओं से जोड़कर देखा गया था । मानेसर गुरुग्राम का औद्योगिक हब है।
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