Next Story
Newszop

'वे जानती हैं कि पीकेसी-ईआरसीपी में दम नहीं, वसुंधरा राजे पर गहलोत ने साधा निशाना, उधर SE को किया APO

Send Push
जयपुर: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे का नाम लेकर पीकेसी-ईआरसीपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे जानती हैं कि पीकेसी-ईआरसीपी को लेकर जो एमओयू हुआ है। उसमें कोई दम नहीं है। यह सिर्फ बकवास है। गहलोत ने कहा कि भाजपा के नेता खुद कह रहे हैं कि नौ साल तक कुछ होने वाला नहीं तो फिर जनता को बेवकूफ क्यों बना रहे हो। उन्होंने कहा कि इस नए एग्रीमेंट के हिसाब से तो अगले 10-15 साल तक पानी नहीं आने वाला है। गहलोत ने कहा कि राजे दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रही हैं। उन्हें इस प्रोजेक्ट के बारे में पूरी जानकारी है। नए एग्रीमेंट के बारे में भी उन्होंने पूरी स्टडी किया होगा। तभी वे इस पर सवाल उठा रही हैं। केवल झालावाड़ की बात क्यों कर रही हैं राजेपूर्व सीएम गहलोत ने पूर्व सीएम राजे पर व्यक्तिगत आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि वे दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रही हैं तो वे केवल झालावाड़ की बात क्यों कर रही हैं। झालावाड़ में पानी नहीं आएगा, यह कहना गलत है उन्हें पूरे प्रदेश के बारे में बात करनी चाहिए। गहलोत ने कहा कि अगर वसुंधरा राजे में राजनैतिक ईमानदारी है तो उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर पीकेसी-ईआरसीपी पर यह बताना चाहिए कि इस एग्रीमेंट में दम है या नहीं। अगर वे राजस्थान के हित में बात कर रही हैं तो उन्हें केवल झालावाड़ की बात करने के बजाय पूरे प्रदेश की बात करनी चाहिए। गहलोत ने यह भी कहा कि वसुंधरा राजे के कार्यकाल में ईआरसीपी प्रोजेक्ट बना था जिसे कांग्रेस ने आगे बढ़ाने का काम किया। अब उनकी ही सरकार ने उस प्रोजेक्ट को बदल दिया। मंदिर में गंगाजल छिड़कने पर गहलोत ने किया कटाक्षमीडिया से रूबरू होते हुए पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि मंदिर में गंगाजल छिड़कने की घटना से भाजपा और आरएसएस की मानसिकता सामने आ गई है। उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि 21 वीं सदी में भी छुआछूत हो रही है और दलित के मंदिर जाने पर गंगाजल छिड़क कर शुद्धीकरण किया जाता है। यह मानवता पर कलंक है। गहलोत ने कहा कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत छुआछूत और भेदभाव मिटाने के लिए आगे क्यों नहीं आ रहे। अब तो केंद्र में भी उनके समर्थित दल की सरकार है। आरएसएस को आगे आकर कहना चाहिए कि वे इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे। गहलोत ने आरएसएस और भाजपा पर सीधा आरोप लगाया कि उनके दिमाग में छुआछूत और भेदभाव है। इसलिए मंदिरों में इस प्रकार की हरकतें हो रही है। राजे की नाराजगी के बाद सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को हटायाउधर वसुंधरा राजे द्वारा झालावाड़ में पेयजल संकट का मुद्दा उठाने के बाद सरकार हरकत में आ गई है। राजे ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताई थी जिसके बाद सरकार ने जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता (सुपरिटेंडेंट इंजीनियर) दीपक कुमार झा को एपीओ कर दिया। लापरवाही बरतने वाले अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता है। विभाग ने माना कि झालावाड़ जिले में जल जीवन मिशन के कामों में प्रगति संतोषजनक नहीं है। अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने के लिए कोई कार्ययोजना तैयार नहीं की गई जिसकी वजह से झालावाड़ में जल संकट गहरा गया। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी प्रकट करते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ट्वीट किया कि 'क्या जनता को प्यास नहीं लगती, सिर्फ अफसरों को ही लगती है। पानी कागजों में नहीं लोगों के होठों तक भी पहुंचे।' राजे ने अपने ट्वीट में यह भी लिखा कि 'अफसर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी। 42 हजार करोड़ की योजना में झालावाड़ के हिस्से की राशि कहां खर्च हुई?' मुख्य सचिव सुधांश पंत ने दी चेतावनीराजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत शुक्रवार को दौसा पहुंचे, इस दौरान कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने विभिन्न विभागों की योजनाओं की प्रोग्रेस रिपोर्ट ली, इस दौरान मुख्य सचिव ने आगामी गर्मियों को देखते हुए संपूर्ण राजस्थान में जलदाय विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की छुट्टियों को निरस्त करने की बात कही साथ ही कहा कि विशेष परिस्थिति में जलदाय कर्मी को जिला कलेक्टर से अनुमति लेकर ही मुख्यालय छोड़ने होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि दौसा को लेकर शिकायत आती है कि अधिकारी व कर्मचारी जयपुर अप डाउन करते हैं, ऐसे में कोई भी अधिकारी व कर्मचारी जिला मुख्यालय या फिर फील्ड नहीं छोड़ेगा, जयपुर अप डाउन बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Loving Newspoint? Download the app now