नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुआलालंपुर में 47वें आसियान शिखर सम्मेलन से अलग मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से मुलाकात की। दोनों ने भारत-मलेशिया द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में जयशंकर ने कहा कि मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से मिलकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।
एस जयशंकर ने आगे कहा कि आसियान शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं प्रेषित कीं। हमारे द्विपक्षीय सहयोग और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के उनके विचारों की सराहना करता हूं।
जहाज निर्माण में आगे सहयोग पर चर्चाइससे पहले जयशंकर ने अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष चो ह्युन से मुलाकात की और भारत-दक्षिण कोरिया विशेष रणनीतिक साझेदारी के मजबूत होने की सराहना की। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर, रक्षा और जहाज निर्माण में आगे सहयोग पर भी चर्चा की।
रणनीतिक साझेदारी की सराहनाबैठक का विवरण साझा करते हुए एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा कि मलेशिया में आसियान बैठकों के दौरान कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्री चो ह्यून से मिलकर प्रसन्नता हुई। हमारी विशेष रणनीतिक साझेदारी के गहराने की सराहना करता हूं। ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर, रक्षा और जहाज निर्माण में सहयोग पर चर्चा हुई।
विचारों का आदान प्रदान करने का समयबता दें कि जयशंकर 27 अक्टूबर को कुआलालंपुर में 20वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतिनिधित्व करेंगे। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने और क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगा।
21वीं सदी भारत और आसियान देशों कीप्रधानमंत्री मोदी ने भी आज ही कुआलालंपुर में 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा था कि 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की सदी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक प्रमुख स्तंभ है।
एस जयशंकर ने आगे कहा कि आसियान शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं प्रेषित कीं। हमारे द्विपक्षीय सहयोग और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के उनके विचारों की सराहना करता हूं।
जहाज निर्माण में आगे सहयोग पर चर्चाइससे पहले जयशंकर ने अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष चो ह्युन से मुलाकात की और भारत-दक्षिण कोरिया विशेष रणनीतिक साझेदारी के मजबूत होने की सराहना की। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर, रक्षा और जहाज निर्माण में आगे सहयोग पर भी चर्चा की।
रणनीतिक साझेदारी की सराहनाबैठक का विवरण साझा करते हुए एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा कि मलेशिया में आसियान बैठकों के दौरान कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्री चो ह्यून से मिलकर प्रसन्नता हुई। हमारी विशेष रणनीतिक साझेदारी के गहराने की सराहना करता हूं। ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर, रक्षा और जहाज निर्माण में सहयोग पर चर्चा हुई।
विचारों का आदान प्रदान करने का समयबता दें कि जयशंकर 27 अक्टूबर को कुआलालंपुर में 20वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतिनिधित्व करेंगे। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने और क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगा।
21वीं सदी भारत और आसियान देशों कीप्रधानमंत्री मोदी ने भी आज ही कुआलालंपुर में 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा था कि 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की सदी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक प्रमुख स्तंभ है।
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