नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कई राज्यों में बैंक लूटने वाले गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह पिछले छह सालं से हाई-टेक उपकरणों का इस्तेमाल कई राज्यों में बैंक लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहा था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा इस गिरोह के सरगना का नाम कामरुद्दीन उर्फ मामू है। जबकि इसके गिरोह का नाम मामू गैंग है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि क्राइम ब्रांच द्वारा बुधवार को गिरफ्तार किए गए लूट के आरोपी कामरुद्दीन एक संगठित अंतरराज्जीय आपराधिक गिरोह का सरगना है। यह गिरोह कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बैंक लूटपाट के लिए पिछले काफी समय से सक्रिय था। दिन में यह गिरोह साधारण फल विक्रेता की तरह रेकी करता था, सुरक्षा खामियों का पता लगाता था और रात में अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देता था।
भेष बदलने में माहिर है गिरोह
यह गिरोह बैंक को लूटने के लिए हाई टेक उपकरणों का इस्तेमाल करता था, लेकिन उनकी असली चतुराई भेष बदलने के तरीके में थी। यह लोग फल विक्रेता बनकर दिनभर भीड़ में घुलेमिले रहते थे और बैंक के लूपहोल का पता लगाते थे। फल विक्रेता होने की वजह से किसी को इन पर शक नहीं होता था। जब लूट की योजना तैयार हो जाती थी, तो वे रात के अंधेरे में खास औजारों से सुरक्षा प्रणालियों को निष्क्रिय कर देते थे, इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को मिटा देते थे और फिर अलग-अलग शहरों में भाग जाते थे, जहां वे फिर से फल विक्रेता का भेष धारण कर लेते थे।
पुलिस ने दिल्ली से किया गिरफ्तार
लेकिन बुधवार को उसका खेल खत्म हो गया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को गुप्त सूचना मिली थी कि वह महावीर एन्क्लेव-III, दिल्ली आ रहा है। इंस्पेक्टर गौतम मलिक के नेतृत्व में एक टीम ने उत्तम नगर के पास जाल बिछाया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए मामु गैंग के सरगना कामरुद्दीन उत्तर प्रदेश के बदायूं का रहने वाला है। वह 1996 से ही अपराध की दुनिया में सक्रिय है। उस पर हत्या, लूट समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। साथ ही उसकी गिरफ्तारी से कर्नाटक के तीन बड़े मामलों को सुलझाने में मदद मिली है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि क्राइम ब्रांच द्वारा बुधवार को गिरफ्तार किए गए लूट के आरोपी कामरुद्दीन एक संगठित अंतरराज्जीय आपराधिक गिरोह का सरगना है। यह गिरोह कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बैंक लूटपाट के लिए पिछले काफी समय से सक्रिय था। दिन में यह गिरोह साधारण फल विक्रेता की तरह रेकी करता था, सुरक्षा खामियों का पता लगाता था और रात में अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देता था।
भेष बदलने में माहिर है गिरोह
यह गिरोह बैंक को लूटने के लिए हाई टेक उपकरणों का इस्तेमाल करता था, लेकिन उनकी असली चतुराई भेष बदलने के तरीके में थी। यह लोग फल विक्रेता बनकर दिनभर भीड़ में घुलेमिले रहते थे और बैंक के लूपहोल का पता लगाते थे। फल विक्रेता होने की वजह से किसी को इन पर शक नहीं होता था। जब लूट की योजना तैयार हो जाती थी, तो वे रात के अंधेरे में खास औजारों से सुरक्षा प्रणालियों को निष्क्रिय कर देते थे, इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को मिटा देते थे और फिर अलग-अलग शहरों में भाग जाते थे, जहां वे फिर से फल विक्रेता का भेष धारण कर लेते थे।
पुलिस ने दिल्ली से किया गिरफ्तार
लेकिन बुधवार को उसका खेल खत्म हो गया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को गुप्त सूचना मिली थी कि वह महावीर एन्क्लेव-III, दिल्ली आ रहा है। इंस्पेक्टर गौतम मलिक के नेतृत्व में एक टीम ने उत्तम नगर के पास जाल बिछाया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए मामु गैंग के सरगना कामरुद्दीन उत्तर प्रदेश के बदायूं का रहने वाला है। वह 1996 से ही अपराध की दुनिया में सक्रिय है। उस पर हत्या, लूट समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। साथ ही उसकी गिरफ्तारी से कर्नाटक के तीन बड़े मामलों को सुलझाने में मदद मिली है।
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