अमरोहा: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक तिगरी गंगा मेले में इस बार युवाओं के बीच चर्चित नाम IITian बाबा अभय सिंह भी शामिल होंगे। 2 नवंबर को आयोजित होने वाले यूथ कॉन्फ्रेंस में बाबा अभय सिंह युवाओं से करियर, हायर एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट और मेंटल हेल्थ जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने इस कार्यक्रम में शामिल होने की जानकारी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा किए वीडियो के जरिए दी है। वीडियो में वे युवाओं के साथ एआई जैसे विषयों पर चर्चा करने की बात करते दिख रहे हैं। यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है।
तिगरी मेले में युवाओं पर विशेष सत्रतिगरी गंगा मेला आज से शुरू हुआ है और यह छह नवंबर तक चलेगा। मेले का शुभारंभ मंडलायुक्त और जिले के प्रभारी मंत्री ने हवन-पूजन के साथ गंगा तट पर किया। शाम को गंगा आरती और दीपदान से मेले का वातावरण भक्तिमय बन गया। 2 नवंबर को मेले में विशेष यूथ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हायर एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट, मेंटल हेल्थ और तकनीकी बदलावों के प्रभाव जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। इसी सत्र में IIT बाबा अभय सिंह मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार साझा करेंगे।
वीडियो में क्या बोले IITian बाबाIITian बाबा अभय सिंह ने अपने वीडियो संदेश में कहा है कि अमरोहा में तिगरी मेला लगने वाला है, जहां एक कॉन्फ्रेंस आयोजित हो रही है। इसमें मैं भी शामिल हो रहा हूं। हम हायर एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट, करियर और मेंटल हेल्थ पर बात करेंगे। दुनिया तेजी से बदल रही है, AI जैसी तकनीकें इंसानों से बेहतर काम करने लगी हैं। ऐसे में हमें यह समझना होगा कि भविष्य में करियर का स्वरूप क्या होगा।
आईआईटीयन बाबा कहते हैं कि पृथ्वी के संसाधन सीमित हैं। ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियां सामने हैं। इसलिए हमें बदलाव के साथ खुद को फिट करना होगा। जब तक आप यह नहीं समझेंगे कि दुनिया किस दिशा में जा रही है, तब तक आप समाज या अर्थव्यवस्था में योगदान नहीं दे सकते। उन्होंने युवाओं से 2 नवंबर को अमरोहा पहुंचने और इस संवाद का हिस्सा बनने की अपील की।
महाकुंभ से चर्चा में आए IIT बाबादरअसल, महाकुंभ के दौरान आईआईटीयन बाबा अभय सिंह खूब चर्चा में आए थे। महाकुंभ के दौरान अपने अनोखे व्यक्तित्व और विचारों के चलते सुर्खियों में आए थे। उन्होंने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और इसके बाद कनाडा की एक विमान निर्माण कंपनी में काम किया। कुछ समय बाद वे अचानक भारत लौट आए और फिर सन्यास जैसे जीवन की राह पर चल पड़े।
हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले अभय सिंह के पिता कर्ण सिंह वकील हैं और झज्जर बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान भी रह चुके हैं। अभय सिंह के आध्यात्मिक विचार और वैज्ञानिक पृष्ठभूमि ने उन्हें युवाओं के बीच एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बना दिया है।
क्या है तिगरी मेला का इतिहासतिगरी गंगा मेला धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद प्राचीन और महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि त्रेता युग में श्रवण कुमार अपने नेत्रहीन माता-पिता को तीर्थयात्रा कराने निकले थे और गढ़मुक्तेश्वर के नक्का कुएं पर कुछ दिन ठहरे थे। वहां उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। तभी से इस स्थान पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान और दीपदान की परंपरा शुरू हुई।
महाभारत काल में पांडवों ने अपने मृत संबंधियों की आत्मा की शांति के लिए गंगा में दीपदान किया था। हालांकि, मेले की शुरुआत त्रेता युग से होने की भी बात है।अब यह मेला पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा गंगा मेला बन गया। इस वर्ष भी लाखों लोग इसमें भाग लेने के लिए अमरोहा पहुंच रहे हैं। मेले के उद्घाटन के साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती दिख रही है।
तिगरी मेले में युवाओं पर विशेष सत्रतिगरी गंगा मेला आज से शुरू हुआ है और यह छह नवंबर तक चलेगा। मेले का शुभारंभ मंडलायुक्त और जिले के प्रभारी मंत्री ने हवन-पूजन के साथ गंगा तट पर किया। शाम को गंगा आरती और दीपदान से मेले का वातावरण भक्तिमय बन गया। 2 नवंबर को मेले में विशेष यूथ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हायर एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट, मेंटल हेल्थ और तकनीकी बदलावों के प्रभाव जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। इसी सत्र में IIT बाबा अभय सिंह मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार साझा करेंगे।
वीडियो में क्या बोले IITian बाबाIITian बाबा अभय सिंह ने अपने वीडियो संदेश में कहा है कि अमरोहा में तिगरी मेला लगने वाला है, जहां एक कॉन्फ्रेंस आयोजित हो रही है। इसमें मैं भी शामिल हो रहा हूं। हम हायर एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट, करियर और मेंटल हेल्थ पर बात करेंगे। दुनिया तेजी से बदल रही है, AI जैसी तकनीकें इंसानों से बेहतर काम करने लगी हैं। ऐसे में हमें यह समझना होगा कि भविष्य में करियर का स्वरूप क्या होगा।
आईआईटीयन बाबा कहते हैं कि पृथ्वी के संसाधन सीमित हैं। ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियां सामने हैं। इसलिए हमें बदलाव के साथ खुद को फिट करना होगा। जब तक आप यह नहीं समझेंगे कि दुनिया किस दिशा में जा रही है, तब तक आप समाज या अर्थव्यवस्था में योगदान नहीं दे सकते। उन्होंने युवाओं से 2 नवंबर को अमरोहा पहुंचने और इस संवाद का हिस्सा बनने की अपील की।
महाकुंभ से चर्चा में आए IIT बाबादरअसल, महाकुंभ के दौरान आईआईटीयन बाबा अभय सिंह खूब चर्चा में आए थे। महाकुंभ के दौरान अपने अनोखे व्यक्तित्व और विचारों के चलते सुर्खियों में आए थे। उन्होंने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और इसके बाद कनाडा की एक विमान निर्माण कंपनी में काम किया। कुछ समय बाद वे अचानक भारत लौट आए और फिर सन्यास जैसे जीवन की राह पर चल पड़े।
हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले अभय सिंह के पिता कर्ण सिंह वकील हैं और झज्जर बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान भी रह चुके हैं। अभय सिंह के आध्यात्मिक विचार और वैज्ञानिक पृष्ठभूमि ने उन्हें युवाओं के बीच एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बना दिया है।
क्या है तिगरी मेला का इतिहासतिगरी गंगा मेला धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद प्राचीन और महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि त्रेता युग में श्रवण कुमार अपने नेत्रहीन माता-पिता को तीर्थयात्रा कराने निकले थे और गढ़मुक्तेश्वर के नक्का कुएं पर कुछ दिन ठहरे थे। वहां उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। तभी से इस स्थान पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान और दीपदान की परंपरा शुरू हुई।
महाभारत काल में पांडवों ने अपने मृत संबंधियों की आत्मा की शांति के लिए गंगा में दीपदान किया था। हालांकि, मेले की शुरुआत त्रेता युग से होने की भी बात है।अब यह मेला पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा गंगा मेला बन गया। इस वर्ष भी लाखों लोग इसमें भाग लेने के लिए अमरोहा पहुंच रहे हैं। मेले के उद्घाटन के साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती दिख रही है।
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