नई दिल्लीः बाढ़ के बाद से यमुना के स्तर में गिरावट आई है। सितंबर में बाढ़ के दौरान यमुना के सैंपल लिए गए थे। इसमें यमुना काफी साफ और मानकों के करीब थी। अक्टूबर में 9 और 20 अक्टूबर को सैंपल लिए गए। अधिकारी के अनुसार दुर्गा विसर्जन के बाद कुछ समय बाद एक सैंपलिंग और दूसरी नियमित सैपलिंग हुई। नियमित सैंपलिंग छठ से पहले हुई। दोनों ही रिपोर्ट में सितंबर के मुकाबले यमुना प्रदूषित रही। वहीं 20 अक्टूबर के सैंपल में यह 9 अक्टूबर के मुकाबले अधिक प्रदूषित रही। हालांकि इसके बावजूद इस समय यमुना प्रदूषण के मामले में काफी कम प्रदूषित है।   
   
सैंपलिंग रिपोर्ट में बढ़ा हुआ नजर आयासितंबर में अमोनिकल नाइट्रोजन का स्तर ओखला बैराज आगरा कनाल पर 0.88 एमजी प्रति लीटर था। यह 9 अक्टूबर की रिपोर्ट में बढ़कर यहां 1.82 एमजी प्रति लीटर पाया गया। बाढ़ की वजह से असगरपुर में सितंबर में इस पॉइंट पर जांच नहीं की गई थी। लेकिन 9 सितंबर की रिपोर्ट में इसका स्तर असगरपुर में 1.4 एमजी प्रति लीटर रहा, यह 20 अक्टूबर की सैपलिंग में बढ़कर 2.30 एमजी प्रति लीटर हो गया। अधिकांश जगहों पर यह 20 अक्टूबर की सैंपलिंग रिपोर्ट में बढ़ा हुआ नजर आया है।
     
डिजॉल्वड ऑक्सीजन नदी के लिए बेहद जरूरी हैयह 9 अक्टूबर की रिपोर्ट में शून्य से 7.6 एमजी प्रति लीटर तक रहा। जबकि इसके मानक 5 एमजी प्रति लीटर या इससे अधिक के है। यह नदी के जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। असगरपुर में शहादरा और तुगलकाबाद ड्रेन मिलने के बाद इसका स्तर शून्य रहा। यानी इस पॉइंट पर यमुना के पानी में ऑक्सीजन नहीं थी।
     
डीओ भी बढ़ासितंबर में बाढ़ के दौरान यमुना में डिजॉल्वड ऑक्सीजन (डीओ) का स्तर 3.7 से 9.5 एमजी प्रति लीटर तक मिला।
  
सैंपलिंग रिपोर्ट में बढ़ा हुआ नजर आयासितंबर में अमोनिकल नाइट्रोजन का स्तर ओखला बैराज आगरा कनाल पर 0.88 एमजी प्रति लीटर था। यह 9 अक्टूबर की रिपोर्ट में बढ़कर यहां 1.82 एमजी प्रति लीटर पाया गया। बाढ़ की वजह से असगरपुर में सितंबर में इस पॉइंट पर जांच नहीं की गई थी। लेकिन 9 सितंबर की रिपोर्ट में इसका स्तर असगरपुर में 1.4 एमजी प्रति लीटर रहा, यह 20 अक्टूबर की सैपलिंग में बढ़कर 2.30 एमजी प्रति लीटर हो गया। अधिकांश जगहों पर यह 20 अक्टूबर की सैंपलिंग रिपोर्ट में बढ़ा हुआ नजर आया है।
डिजॉल्वड ऑक्सीजन नदी के लिए बेहद जरूरी हैयह 9 अक्टूबर की रिपोर्ट में शून्य से 7.6 एमजी प्रति लीटर तक रहा। जबकि इसके मानक 5 एमजी प्रति लीटर या इससे अधिक के है। यह नदी के जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। असगरपुर में शहादरा और तुगलकाबाद ड्रेन मिलने के बाद इसका स्तर शून्य रहा। यानी इस पॉइंट पर यमुना के पानी में ऑक्सीजन नहीं थी।
डीओ भी बढ़ासितंबर में बाढ़ के दौरान यमुना में डिजॉल्वड ऑक्सीजन (डीओ) का स्तर 3.7 से 9.5 एमजी प्रति लीटर तक मिला।
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