नई दिल्ली: लाल किला ब्लास्ट की जांच भले ही नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंस (NIA) को सौंप दी गई हो, लेकिन दिल्ली पुलिस ने अभी भी पूरी तरह हथियार नहीं डाले हैं। दरअसल दिल्ली पुलिस की तेज तर्रार यूनिट स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की कई टीमें डॉ उमर मोहम्मद के दिल्ली कनेक्शन यानी दिल्ली में उसकी मदद करने वालों की तलाश में जुटी है। पुलिस सूत्र का कहना है कि इतना बड़ा कांड होने के बाद आरोपी भले ही अंडरग्राउंड हो गए होंगे, मगर हम भी उन्हें उनके बिलों से बाहर निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
ब्लास्ट के बाद लोकल पुलिस के अलावा तमाम सुरक्षा एजेंसियों ने घटनास्थल का जायजा लिया था। स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की टीमें भी वहां पहुंची थीं। सभी मामले में अपने-अपने तरीकों से जांच कर रहे थे, इस बीच कल ही मामले की जांच NIA को सौंप दी गई। ऐसे में सूत्र का कहना है कि इन्वेस्टिगेशन अब भले ही NIA करेगी, लेकिन अगर कोई सस्पेक्ट या इनका कोई सहयोगी हमें मिल गया तो हम उसे उनको सौंप सकते हैं। इसके अलावा उस पर अलग से केस दर्ज करके भी उसे उन्हें सौंप सकते हैं।
मदद करने वाले की पुलिस कर रही तलाश
जब सूत्र से पूछा कि उमर की मदद करने वालों की तलाश हो रही है तो उन्होंने कहा, हां बिल्कुल। इस बात की पूरी संभावना है कि यहां कोई उसकी मदद कर रहा हो। यह कैसे भी हो सकती है। जैसे उसके रहने का इंतजाम करने, खर्चों के लिए रुपये मुहैया करवाना, ब्लास्ट के लिए सामग्री दिलवाना आदि। यह बात भी बिल्कुल ठीक है कि मदद करने वाला अब जरूर अंडरग्राउंड हो गया होगा। ऐसे में उसे ढूंढकर गिरफ्तार करना हमारे लिए आसान नहीं होगा। मगर हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।
ब्लास्ट के बाद लोकल पुलिस के अलावा तमाम सुरक्षा एजेंसियों ने घटनास्थल का जायजा लिया था। स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की टीमें भी वहां पहुंची थीं। सभी मामले में अपने-अपने तरीकों से जांच कर रहे थे, इस बीच कल ही मामले की जांच NIA को सौंप दी गई। ऐसे में सूत्र का कहना है कि इन्वेस्टिगेशन अब भले ही NIA करेगी, लेकिन अगर कोई सस्पेक्ट या इनका कोई सहयोगी हमें मिल गया तो हम उसे उनको सौंप सकते हैं। इसके अलावा उस पर अलग से केस दर्ज करके भी उसे उन्हें सौंप सकते हैं।
मदद करने वाले की पुलिस कर रही तलाश
जब सूत्र से पूछा कि उमर की मदद करने वालों की तलाश हो रही है तो उन्होंने कहा, हां बिल्कुल। इस बात की पूरी संभावना है कि यहां कोई उसकी मदद कर रहा हो। यह कैसे भी हो सकती है। जैसे उसके रहने का इंतजाम करने, खर्चों के लिए रुपये मुहैया करवाना, ब्लास्ट के लिए सामग्री दिलवाना आदि। यह बात भी बिल्कुल ठीक है कि मदद करने वाला अब जरूर अंडरग्राउंड हो गया होगा। ऐसे में उसे ढूंढकर गिरफ्तार करना हमारे लिए आसान नहीं होगा। मगर हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।
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