भारत की सरकारी कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने बांग्लादेश से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए बैंडविड्थ आयात बंद करने का फैसला किया है। यह बदलाव 21 अक्टूबर, 2025 से लागू हो गया है। बांग्लादेश सबमरीन केबल्स पीएलसी (BSCPLC) के डिप्टी जनरल मैनेजर मोहम्मद अरिफुल हक ने इसकी पुष्टि की। इस कदम से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में इंटरनेट कनेक्टिविटी पर असर पड़ेगा, जो अखौरा पोर्ट के जरिए बांग्लादेश से बैंडविड्थ पर निर्भर थी। लेकिन अब भारत आत्म निर्भरत बनने की दिशा में बड़ा कदम उठा चुका है।
तेज और भरोसेमंद इंटरनेट मिलेगाBSNL और इससे जुड़े अधिकारियों के अनुसार, अब पूर्वोत्तर राज्यों में इंटरनेट कनेक्शन पूरी तरह से भारत के अपने फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क और नए सैटेलाइट सिस्टम के जरिए दिया जा रहा है। इसके लिए भारतनेट प्रोजेक्ट में बड़े सुधार किए गए हैं, जो भारत का अपना डिजिटल नेटवर्क है। साथ ही इसरो के हाई-स्पीड सैटेलाइट नेटवर्क को भी बेहतर तरीके से जोड़ा गया है। इन बदलावों की वजह से अब पूर्वोत्तर राज्यों को तेज और भरोसेमंद इंटरनेट मिलेगा, बिना किसी बाहरी देश पर निर्भरता जताए हुए।
BSNL और BSCPLC में समझौताBSNL और BSCPLC के बीच 6 जून, 2015 को एक समझौता हुआ था, जिसके बाद दोनों के बीच व्यापारिक रिश्ता शुरू हुआ। BSCPLC ने 8 फरवरी, 2016 से BSNL को 10 Gbps बैंडविड्थ देना शुरू किया। हालांकि, इस सेवा में कई बार रुकावट आई। 8 फरवरी, 2020 को BSNL ने सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दी थी। फिर 7 सितंबर, 2021 को नए समझौते के बाद 26 नवंबर, 2021 से सेवा फिर शुरू हुई। शुरू में 10 Gbps बैंडविड्थ दी गई, जिसे बाद में बढ़ाकर 20 GBPS किया गया। लेकिन अब फिर से यह सेवा बंद कर दी है।
देश अपने डिजिटल नेटवर्क पर निर्भर हैतेलगु फंडा की रिपोर्ट बताती है कि भारत सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत' योजना के तहत देश अब अपने डिजिटल नेटवर्क पर निर्भर हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों में अब इंटरनेट की स्पीड बेहतर हो गई है, बैंडविड्थ की उपलब्धता बढ़ी है और राष्ट्रीय नेटवर्क से सुरक्षा भी मजबूत हुई है। BSNL ने असम से अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और त्रिपुरा तक फाइबर कनेक्शन का विस्तार किया है। अब बाहरी देशों पर निर्भरता खत्म हो गई है।
क्या कारण है?
द डेली स्टार की रिपोर्ट बताती है कि BSCPSCL सूत्रों के मुताबिक, BSNL का यह फैसला वित्तीय समस्याओं की वजह से लिया गया है। पहले भी कई बार BSNL ने आर्थिक कारणों से बैंडविड्थ लेना बंद किया था। इस बार भी 10 Gbps बैंडविड्थ लिंक को 21 अक्टूबर, 2025 की मध्यरात्रि से बंद कर दिया गया।
तेज और भरोसेमंद इंटरनेट मिलेगाBSNL और इससे जुड़े अधिकारियों के अनुसार, अब पूर्वोत्तर राज्यों में इंटरनेट कनेक्शन पूरी तरह से भारत के अपने फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क और नए सैटेलाइट सिस्टम के जरिए दिया जा रहा है। इसके लिए भारतनेट प्रोजेक्ट में बड़े सुधार किए गए हैं, जो भारत का अपना डिजिटल नेटवर्क है। साथ ही इसरो के हाई-स्पीड सैटेलाइट नेटवर्क को भी बेहतर तरीके से जोड़ा गया है। इन बदलावों की वजह से अब पूर्वोत्तर राज्यों को तेज और भरोसेमंद इंटरनेट मिलेगा, बिना किसी बाहरी देश पर निर्भरता जताए हुए।
BSNL और BSCPLC में समझौताBSNL और BSCPLC के बीच 6 जून, 2015 को एक समझौता हुआ था, जिसके बाद दोनों के बीच व्यापारिक रिश्ता शुरू हुआ। BSCPLC ने 8 फरवरी, 2016 से BSNL को 10 Gbps बैंडविड्थ देना शुरू किया। हालांकि, इस सेवा में कई बार रुकावट आई। 8 फरवरी, 2020 को BSNL ने सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दी थी। फिर 7 सितंबर, 2021 को नए समझौते के बाद 26 नवंबर, 2021 से सेवा फिर शुरू हुई। शुरू में 10 Gbps बैंडविड्थ दी गई, जिसे बाद में बढ़ाकर 20 GBPS किया गया। लेकिन अब फिर से यह सेवा बंद कर दी है।
देश अपने डिजिटल नेटवर्क पर निर्भर हैतेलगु फंडा की रिपोर्ट बताती है कि भारत सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत' योजना के तहत देश अब अपने डिजिटल नेटवर्क पर निर्भर हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों में अब इंटरनेट की स्पीड बेहतर हो गई है, बैंडविड्थ की उपलब्धता बढ़ी है और राष्ट्रीय नेटवर्क से सुरक्षा भी मजबूत हुई है। BSNL ने असम से अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और त्रिपुरा तक फाइबर कनेक्शन का विस्तार किया है। अब बाहरी देशों पर निर्भरता खत्म हो गई है।
क्या कारण है?
द डेली स्टार की रिपोर्ट बताती है कि BSCPSCL सूत्रों के मुताबिक, BSNL का यह फैसला वित्तीय समस्याओं की वजह से लिया गया है। पहले भी कई बार BSNL ने आर्थिक कारणों से बैंडविड्थ लेना बंद किया था। इस बार भी 10 Gbps बैंडविड्थ लिंक को 21 अक्टूबर, 2025 की मध्यरात्रि से बंद कर दिया गया।
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