सुधीर कुमार, ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में 130 मीटर रोड पर बस-वे के लिए बनाई जा रही लेन के बीच में आने वाला 100 साल पुराना पीपल का पेड़ अब नहीं हटाया जाएगा। स्थानीय लोगों के विरोध और एनबीटी की ओर से यह मुद्दा उठाने के बाद अथॉरिटी ने अपना फैसला बदल दिया है। अब एलाइनमेंट को बदलकर पेड़ के दोनों तरफ से रोड निकाली जाएगी। साथ ही पेड़ के आसपास रोड का डिजाइन इस तरह का बनाया जाएगा कि एक्सिडेंट का खतरा भी न रहे।ग्रेटर नोएडा में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 130 मीटर रोड पर बस-वे के लिए अलग लेन का निर्माण चल रहा है। लेकिन, सेक्टर पाई-1 के पास करीब 100 साल पुराना पीपल का पेड़ निर्माण में बाधा बन गया था। अथॉरिटी ने पेड़ को हटाने के लिए वन विभाग को पत्र लिखा था। वहीं, आसपास रहने वाले लोग आस्था से जोड़कर पेड़ को हटाने का विरोध कर रहे थे। उनके इस मुद्दे को एनबीटी ने 22 मई के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया। अब अथॉरिटी के अधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया है और पेड़ हटाने के फैसले को निरस्त कर दिया। यह था मामलासिरसा गोलचक्कर से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के गौड़ सिटी चौक तक 27 किमी लंबी 130 मीटर रोड दोनों शहरों के बीच की लाइफ लाइन है। बिना जाम में फंसे यहां से निकला जा सकता है। लेकिन, नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट से उड़ान शुरू होने के बाद ट्रैफिक का दबाव बढ़ जाएगा। इसको ध्यान में देखते हुए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने रोड पर अलग से बस-वे लेन का निर्माण शुरू कराया है। रोड की साइड में छोड़ी गई जमीन और कई जगह ग्रीन बेल्ट से पेड़ हटाकर निर्माण कार्य चल रहा है। इसी कड़ी में पाई-1 सेक्टर के पास 100 साल पुराना पीपल का पेड़ भी हटाने की योजना थी।
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