वॉशिंगटन: पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में युद्ध की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, आज से छह साल पहले ही एक स्टडी में यह बता दिया गया था कि 2025 में भारत-पाकिस्तान में युद्ध हो सकता है। इस अध्ययन में कई चीजों का अनुमान लगाया गया था, लेकिन मुख्य फोकस इस बात पर था कि अगर परमाणु युद्ध हो जाता है तो क्या होगा। पाकिस्तान पिछले कई दिनों से भारत के साथ युद्ध की गीदड़भभकी दे रहा है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री से लेकर सूचना मंत्री तक भारत को परमाणु युद्ध की धमकी दे रहे हैं। इस बीच भारत ने अब तक संयम से काम लिया है और बयानबाजियों से परहेज किया है। 2025 में भारत-पाक युद्ध पर अध्ययन किसने किया?WION न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस अध्ययन का नेतृत्व कोलोराडो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने रटगर्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के साथ किया था। इसे साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित किया गया था। अध्ययन में यूएस नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च, फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स, नेचुरल रिसोर्सेज डिफेंस काउंसिल, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास रियो ग्रांडे और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया एट लॉस एंजिल्स से इनपुट का इस्तेमाल किया गया। 2025 में भारत-पाक युद्ध पर अध्ययन क्यों किया गया?अध्ययन का मुख्य उद्देश्य परमाणु युद्ध के खिलाफ चेतावनी देना और इसके खिलाफ वैश्विक सम्मेलनों के महत्व पर जोर देना था। विशेष रूप से, इसने परमाणु हथियारों के निषेध पर 2017 संयुक्त राष्ट्र संधि के महत्व पर प्रकाश डाला। लेखकों ने उस समय उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर अनुमान लगाया कि दो दक्षिण एशियाई धारणाओं के बीच एक परमाणु युद्ध कितना विनाशकारी हो सकता है, न केवल क्षेत्र के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी। भारत-पाक परमाणु युद्ध के बारे में क्या कहा गया?अध्ययन के अनुसार, परमाणु युद्ध की स्थिति में, 100 मिलियन लोग तुरंत मर जाएंगे। कंप्यूटर सिमुलेशन का उपयोग करते हुए अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि यदि भारत 100 परमाणु सामरिक हथियारों का उपयोग करता है और पाकिस्तान 150 का उपयोग करता है, तो युद्ध के बाद के प्रभावों से 50 मिलियन से 125 मिलियन लोग मर सकते हैं। इसके बाद दुनिया भर में बड़े पैमाने पर भुखमरी हो सकती है, जिससे और अधिक मौतें हो सकती हैं।रटगर्स विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के एलन रोबॉक, जो अध्ययन के सह-लेखक हैं, ने उस समय कहा था, "इस तरह के युद्ध से न केवल उन स्थानों को खतरा होगा, जहाँ बमों को निशाना बनाया जा सकता है, बल्कि पूरी दुनिया को खतरा होगा।" 2019 के अध्ययन में 2025 में भारत और पाकिस्तान के पास 500 परमाणु हथियार होने का अनुमान लगाया गया है भारत और पाकिस्तान को पारंपरिक रूप से सुरक्षा विश्लेषकों द्वारा दो परमाणु-सशस्त्र राष्ट्रों के रूप में वर्णित किया गया है, जो एक-दूसरे से टकराने की दूरी पर हैं।2019 के अध्ययन के अनुमानों के अनुसार, भारत के पास 2025 तक कुल 400 से 500 परमाणु हथियार हो सकते हैं। इन हथियारों की विस्फोटक शक्ति 15 किलोटन से कहीं भी हो सकती है। यह 15,000 टन टीएनटी है, जो 1945 में हिरोशिमा पर गिराए गए अमेरिकी बम के बराबर है। परमाणु युद्ध के बाद कैसे होंगे हालात?अध्ययन के अनुसार, यदि भारत और पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है, तो इससे आग लग सकती है, जिससे 16 मिलियन से 36 मिलियन टन कालिख या काला कार्बन निकल सकता है। यह धुआं पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में चला जाएगा और कुछ हफ़्तों के भीतर पूरी दुनिया को ढक लेगा। अध्ययन के अनुमानों के अनुसार, कालिख सौर विकिरण को अवशोषित करेगी और हवा को गर्म करेगी। फैलते धुएं के परिणामस्वरूप, सूर्य का प्रकाश 35 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। इससे पृथ्वी की सतह 5 डिग्री सेल्सियस तक ठंडी हो जाएगी। वर्षा में 30 प्रतिशत तक की कमी आएगी। भारत-पाक परमाणु युद्ध का पर्यावरणीय प्रभावअध्ययन के अनुसार वनस्पति वृद्धि में 30 प्रतिशत तक की गिरावट आएगी। महासागर की उत्पादकता में 15 प्रतिशत तक की कमी आएगी। इसमें कहा गया है कि इन प्रभावों से उबरने में कम से कम 10 साल लगेंगे, क्योंकि धुआं वायुमंडल में बना रहेगा।
You may also like
भतीजी की इज्जत के पीछे पड़ा अपना ही चाचा! कर डाला घिनापा 〥
केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना कराने के फैसले का सपा और कांग्रेस के नेताओं ने किया स्वागत
भारतीय राजदूत ने हज तैयारियों का लिया जायजा, सऊदी अरब में जायरीनों का स्वागत
वक्फ कानून मुस्लिमों के मजहब पर सीधा प्रहार : राशिद अल्वी
मुजफ्फरनगर में आर्य समाज रोड पर मारपीट, विरोध में दुकानदारों ने की मार्किट बंद 〥