नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर गहमागहमी तेज हो गई हैं। एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है। सीपी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी घोषित होने के बाद बीजेपी अब उनके लिए समर्थन जुटाने में जुट गई है। अब बारी विपक्षी इंडिया ब्लॉक की है। विपक्षी भारतीय गुट आज उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा करेगा। सोमवार को हुई चर्चाओं के बाद विचारों का आदान-प्रदान हुआ। खास बात है कि इंडिया ब्लॉक के अहम धड़े ने उपराष्ट्रपति पद के लिए तमिलनाडु से उम्मीदवार पेश किए जाने की मांग की है।
इंडिया ब्लॉक से इन नामों की चर्चा
संभावित उम्मीदवारों में तमिलनाडु के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक और एक दलित बुद्धिजीवी के नाम भी शामिल किए गए। नाम तय करने के लिए गुट की फिर से बैठक होगी। सूत्रों के अनुसार, डीएमके ने इसरो के पूर्व वैज्ञानिक माइलस्वामी अन्नादुरई का नाम आगे बढ़ाया है। वहीं, महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी भी दावेदार बताए जा रहे हैं। इसके, साथ ही एक दलित बुद्धिजीवी भी हैं, जिन्होंने महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर कार्य किया है। इस पद के लिए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और योजना आयोग के पूर्व अध्यक्ष भालचंद्र मुंगेकर के नाम की अटकलें लगाई जा रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, अविभाजित आंध्र प्रदेश से एक प्रतिष्ठित नाम भी इस दौड़ में है। अन्नादुरई का नाम भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के शासन के संदर्भ में देखा जा रहा है, जो चुनाव जीतने के लिए तैयार है और जिसने तमिलनाडु मूल के महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
दक्षिण से उम्मीदवार की मांग क्यों?
विपक्षी खेमे से एक तमिल उम्मीदवार को आगे बढ़ाने के विचार को दक्षिणी राज्य में बीजेपी को किसी भी तरह का दबदबा बनाने से रोकने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा, एक वैज्ञानिक को मैदान में उतारने से 'मिसाइल मैन' एपीजे अब्दुल कलाम, जो एक तमिल थे, के राष्ट्रपति के रूप में चयन और अंततः चुनाव की यादें ताज़ा होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, टीएमसी ने एक दलित उम्मीदवार के लिए दबाव डाला है।
बताया जा रहा है कि मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर इंडिया ब्लॉक की बैठक में नामों और विचारों पर चर्चा हुई। ब्लॉक ने मंगलवार दोपहर फिर से बैठक करने का फैसला किया। इसके बाद उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, खड़गे आम सहमति बनाने के लिए देर शाम फिर से सहयोगी दलों से बात कर रहे थे।
पहले से ही तय है नतीजा?
उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पहले से तय मान रहे इंडिया ब्लॉक के लिए सभी दलों को एक साथ लाकर चुनाव कराने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा। दो सहयोगी दलों के इस विचार के प्रति उदासीन होने की बात कही गई। हालांकि उन्होंने साझा रुख अपनाने की प्रतिबद्धता जताई।
आखिरकार जिस बात ने माहौल को चुनाव के पक्ष में मोड़ दिया, वह यह बात जोर देकर कही गई कि सीपी राधाकृष्णन को तमिलनाडु के नजरिए से नहीं, बल्कि आरएसएस की जड़ों के नजरिए से देखा जाना चाहिए। रविवार शाम बीजेपी की घोषणा के बाद कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी उदित राज और कुछ अन्य लोगों ने इस मुद्दे को उठाया।
इंडिया ब्लॉक से इन नामों की चर्चा
संभावित उम्मीदवारों में तमिलनाडु के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक और एक दलित बुद्धिजीवी के नाम भी शामिल किए गए। नाम तय करने के लिए गुट की फिर से बैठक होगी। सूत्रों के अनुसार, डीएमके ने इसरो के पूर्व वैज्ञानिक माइलस्वामी अन्नादुरई का नाम आगे बढ़ाया है। वहीं, महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी भी दावेदार बताए जा रहे हैं। इसके, साथ ही एक दलित बुद्धिजीवी भी हैं, जिन्होंने महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर कार्य किया है। इस पद के लिए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और योजना आयोग के पूर्व अध्यक्ष भालचंद्र मुंगेकर के नाम की अटकलें लगाई जा रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, अविभाजित आंध्र प्रदेश से एक प्रतिष्ठित नाम भी इस दौड़ में है। अन्नादुरई का नाम भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के शासन के संदर्भ में देखा जा रहा है, जो चुनाव जीतने के लिए तैयार है और जिसने तमिलनाडु मूल के महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
दक्षिण से उम्मीदवार की मांग क्यों?
विपक्षी खेमे से एक तमिल उम्मीदवार को आगे बढ़ाने के विचार को दक्षिणी राज्य में बीजेपी को किसी भी तरह का दबदबा बनाने से रोकने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा, एक वैज्ञानिक को मैदान में उतारने से 'मिसाइल मैन' एपीजे अब्दुल कलाम, जो एक तमिल थे, के राष्ट्रपति के रूप में चयन और अंततः चुनाव की यादें ताज़ा होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, टीएमसी ने एक दलित उम्मीदवार के लिए दबाव डाला है।
बताया जा रहा है कि मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर इंडिया ब्लॉक की बैठक में नामों और विचारों पर चर्चा हुई। ब्लॉक ने मंगलवार दोपहर फिर से बैठक करने का फैसला किया। इसके बाद उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, खड़गे आम सहमति बनाने के लिए देर शाम फिर से सहयोगी दलों से बात कर रहे थे।
पहले से ही तय है नतीजा?
उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पहले से तय मान रहे इंडिया ब्लॉक के लिए सभी दलों को एक साथ लाकर चुनाव कराने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा। दो सहयोगी दलों के इस विचार के प्रति उदासीन होने की बात कही गई। हालांकि उन्होंने साझा रुख अपनाने की प्रतिबद्धता जताई।
आखिरकार जिस बात ने माहौल को चुनाव के पक्ष में मोड़ दिया, वह यह बात जोर देकर कही गई कि सीपी राधाकृष्णन को तमिलनाडु के नजरिए से नहीं, बल्कि आरएसएस की जड़ों के नजरिए से देखा जाना चाहिए। रविवार शाम बीजेपी की घोषणा के बाद कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी उदित राज और कुछ अन्य लोगों ने इस मुद्दे को उठाया।
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