लखीसराय: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में लखीसराय सीट के लिए 63.46 प्रतिशत मतदाताओं की ओर से अपने मताधिकार का प्रयोग किया गया। राज्य की सबसे हॉट सीटों में से एक बनी हुई है, क्योंकि यह भाजपा के कद्दावर नेता और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा का गढ़ है। सिन्हा इस सीट से लगातार चौथी बार जीत दर्ज करने के प्रयास में हैं, लेकिन उन्हें महागठबंधन और स्थानीय नाराजगी से कड़ी चुनौती मिली।
विजय कुमार सिन्हा के वाहन पर पथराव
इस बीच, लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के वाहन पर पथराव की खबर है। उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने इसका आरोप राजद पर लगाया है।बताया जा रहा है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा का काफिला चुनाव प्रबंधन के सिलसिले में इलाके से गुजर रहा था। इस दौरान कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी पर कीचड़ फेंक दिया और नारेबाजी की।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना खुडियाडी गांव की है। उन्होंने बताया कि यहां सही तरीके से व्यवस्था नहीं की गई थी। उनकी गाड़ी पर जूते फेंके गए, पथराव किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह काम राजद के गुंडों ने किया है। सत्ता में आए बिना ही ये लोग गुंडागर्दी पर उतर आए हैं।उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोगों की छाती पर बुलडोजर एक्शन होगा। इस पूरे मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की जाएगी। एनडीए जीत रहा है, तो इन्हें तकलीफ हो रही है
सीधा मुकाबला और दिग्गजों की प्रतिष्ठा
इस सीट पर मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है, जहां भाजपा के विजय कुमार सिन्हा का सामना कांग्रेस के उम्मीदवार अमरेश कुमार अनीश से है।
एनडीए का चेहरा
विजय सिन्हा ने लखीसराय से विधायक रहते हुए बिहार विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान में उपमुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों को संभाला है, जिससे इस सीट पर उनकी व्यक्तिगत और पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर है। भाजपा सवर्ण और ओबीसी के एक बड़े हिस्से के समर्थन पर निर्भर है, लेकिन स्थानीय कुशवाहा और अन्य पिछड़ी जातियों में विकास कार्यों को लेकर नाराजगी की खबरें महागठबंधन के लिए अवसर पैदा कर रही हैं।
महागठबंधन की चुनौती
कांग्रेस के अमरेश कुमार अनीश 2020 में भी सिन्हा के खिलाफ उपविजेता रहे थे, और उन्होंने महज 10,483 वोटों के अंतर से कड़ी टक्कर दी थी। इस बार कांग्रेस, एनडीए के कोर वोट में सेंध लगाने की पुरजोर कोशिश कर रही है।
कांग्रेस (महागठबंधन) यादव और मुस्लिम समीकरण के साथ-साथ सिन्हा विरोधी और स्थानीय असंतुष्ट वोटों को एकजुट करने की फिराक में है, जो 2020 के चुनाव में अन्य उम्मीदवारों को मिले वोटों को मिलाकर एक बड़ी चुनौती पेश करता है।
जन सुराज की ओर से मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास
जन सुराज पार्टी ने भी यहाँ सूरज कुमार को मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास किया है। लखीसराय सीट पर सबसे अधिक आबादी यादवों की है, जबकि कुर्मी, पासवान, भूमिहार और ब्राह्मण मतदाता भी अच्छी संख्या में हैं। यह चुनाव केवल एक सीट का नहीं, बल्कि डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के राजनीतिक कद और भाजपा के गढ़ में महागठबंधन की सेंधमारी की क्षमता का लिटमस टेस्ट है।
विजय कुमार सिन्हा के वाहन पर पथराव
इस बीच, लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के वाहन पर पथराव की खबर है। उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने इसका आरोप राजद पर लगाया है।बताया जा रहा है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा का काफिला चुनाव प्रबंधन के सिलसिले में इलाके से गुजर रहा था। इस दौरान कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी पर कीचड़ फेंक दिया और नारेबाजी की।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना खुडियाडी गांव की है। उन्होंने बताया कि यहां सही तरीके से व्यवस्था नहीं की गई थी। उनकी गाड़ी पर जूते फेंके गए, पथराव किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह काम राजद के गुंडों ने किया है। सत्ता में आए बिना ही ये लोग गुंडागर्दी पर उतर आए हैं।उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोगों की छाती पर बुलडोजर एक्शन होगा। इस पूरे मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की जाएगी। एनडीए जीत रहा है, तो इन्हें तकलीफ हो रही है
सीधा मुकाबला और दिग्गजों की प्रतिष्ठा
इस सीट पर मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है, जहां भाजपा के विजय कुमार सिन्हा का सामना कांग्रेस के उम्मीदवार अमरेश कुमार अनीश से है।
एनडीए का चेहरा
विजय सिन्हा ने लखीसराय से विधायक रहते हुए बिहार विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान में उपमुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों को संभाला है, जिससे इस सीट पर उनकी व्यक्तिगत और पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर है। भाजपा सवर्ण और ओबीसी के एक बड़े हिस्से के समर्थन पर निर्भर है, लेकिन स्थानीय कुशवाहा और अन्य पिछड़ी जातियों में विकास कार्यों को लेकर नाराजगी की खबरें महागठबंधन के लिए अवसर पैदा कर रही हैं।
महागठबंधन की चुनौती
कांग्रेस के अमरेश कुमार अनीश 2020 में भी सिन्हा के खिलाफ उपविजेता रहे थे, और उन्होंने महज 10,483 वोटों के अंतर से कड़ी टक्कर दी थी। इस बार कांग्रेस, एनडीए के कोर वोट में सेंध लगाने की पुरजोर कोशिश कर रही है।
कांग्रेस (महागठबंधन) यादव और मुस्लिम समीकरण के साथ-साथ सिन्हा विरोधी और स्थानीय असंतुष्ट वोटों को एकजुट करने की फिराक में है, जो 2020 के चुनाव में अन्य उम्मीदवारों को मिले वोटों को मिलाकर एक बड़ी चुनौती पेश करता है।
जन सुराज की ओर से मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास
जन सुराज पार्टी ने भी यहाँ सूरज कुमार को मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास किया है। लखीसराय सीट पर सबसे अधिक आबादी यादवों की है, जबकि कुर्मी, पासवान, भूमिहार और ब्राह्मण मतदाता भी अच्छी संख्या में हैं। यह चुनाव केवल एक सीट का नहीं, बल्कि डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के राजनीतिक कद और भाजपा के गढ़ में महागठबंधन की सेंधमारी की क्षमता का लिटमस टेस्ट है।
You may also like

डोनाल्ड ट्रंप अगले साल आएंगे भारत! व्यापार वार्ता के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिया बड़ा बयान, PM मोदी की जमकर तारीफ

7 नवंबर 2025 वृषभ राशिफल: आज मनचाही सफलता से खुलेगी किस्मत, दूर होंगे पुराने मनमुटाव

Traffic Jam In Delhi: दिल्ली में आज लग सकता है भीषण ट्रैफिक जाम, इन रास्तों पर जाने से बचें दिल्लीवाले

बस नाम बदलो और क्रेडिट चुराओ... क्या मुख्यमंत्री का नाम बाबा साहेब से बड़ा है? स्कूल का बोर्ड हटाने पर 'आप' ने किया विरोध

7 नवंबर 2025 मेष राशिफल: पैसा फंसने से खड़ी होगी परेशानी, हनुमान चालीसा का करें पाठ




