मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आईटी में अग्रणीय केरल, गुजरात जैसे तमाम राज्यों को पीछे छोड़ते डिजिटल इंडिया के मोर्चे पर बड़ी छलांग लगाई है। महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बना है जिसने अमेरिकी उद्याेपति एलन मस्क की अगुवाई वाली स्टारलिंक के साथ साझेदारी की। इससे राज्य के दूरस्थ और वंचित क्षेत्रों में उपग्रह-आधारित इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार के इस बड़े फैसले से इंटरनेट की पहुंच मजबूत होगी। इस मौके पर राज्य के सीएम फडणवीस ने कहा कि स्टारलिंक के महाराष्ट्र के साथ हाथ मिलाकर हम हर गांव, हर स्कूल और हर स्वास्थ्य केंद्र को, चाहे वह कितना भी दूरस्थ क्यों न हो, जोड़कर अंतिम डिजिटल खाई को पाट रहे हैं। यह साझेदारी वास्तव में एक कनेक्टेड भविष्य के लिए तैयार महाराष्ट्र के निर्माण की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
हर कोने में मिलेगी तगड़ी स्पीड
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में स्टारलिंक की उपाध्यक्ष लॉरेन ड्रेयर और महाराष्ट्र सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव वीरेंद्र सिंह ने इस आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए। इस रणनीतिक सहयोग के तहत, यह अत्याधुनिक तकनीक महाराष्ट्र सरकार और स्टारलिंक को राज्य के दूरस्थ और वंचित क्षेत्रों, जैसे आदिवासी स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आपदा नियंत्रण कक्ष, वन चौकियां, तटीय क्षेत्र और गढ़चिरौली, नंदुरबार, धाराशिव और वाशिम जैसे आकांक्षी जिलों को जोड़ने के लिए मिलकर काम करने में सक्षम बनाएगी। महाराष्ट्र ने ऐसा यह भारत सरकार से स्टारलिंक की नियामक और अनुपालन मंजूरी मिलने के बाद किया है।
इन क्षेत्रों में महाराष्ट्र को फायदा
इस पहल का उद्देश्य शिक्षा और टेलीमेडिसिन के लिए स्मार्ट कनेक्टिविटी प्रदान करने के अलावा, समृद्धि महामार्ग, फेरी और तटीय वाहन एवं बंदरगाहों, और तटीय पुलिस नेटवर्क जैसे प्रमुख बुनियादी ढाँचे के गलियारों में कनेक्टिविटी को मजबूत करना भी है। एक संयुक्त कार्य समूह 90-दिवसीय पायलट रोलआउट की देखरेख करेगा। जिसमें 30, 60 और 90 दिनों के विशिष्ट लक्ष्य होंगे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पायलट प्रोजेक्ट की तिमाही समीक्षा की जाएगी। स्टारलिंक के उपाध्यक्ष लॉरेन ड्रेयर ने कहा कि हमें गर्व है कि हम उच्च गति की कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो और लोग कहीं भी हों। इसलिए, इस अनूठी पहल में महाराष्ट्र सरकार के साथ सहयोग करते हुए हमें गर्व हो रहा है।
हर कोने में मिलेगी तगड़ी स्पीड
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में स्टारलिंक की उपाध्यक्ष लॉरेन ड्रेयर और महाराष्ट्र सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव वीरेंद्र सिंह ने इस आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए। इस रणनीतिक सहयोग के तहत, यह अत्याधुनिक तकनीक महाराष्ट्र सरकार और स्टारलिंक को राज्य के दूरस्थ और वंचित क्षेत्रों, जैसे आदिवासी स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आपदा नियंत्रण कक्ष, वन चौकियां, तटीय क्षेत्र और गढ़चिरौली, नंदुरबार, धाराशिव और वाशिम जैसे आकांक्षी जिलों को जोड़ने के लिए मिलकर काम करने में सक्षम बनाएगी। महाराष्ट्र ने ऐसा यह भारत सरकार से स्टारलिंक की नियामक और अनुपालन मंजूरी मिलने के बाद किया है।
इन क्षेत्रों में महाराष्ट्र को फायदा
इस पहल का उद्देश्य शिक्षा और टेलीमेडिसिन के लिए स्मार्ट कनेक्टिविटी प्रदान करने के अलावा, समृद्धि महामार्ग, फेरी और तटीय वाहन एवं बंदरगाहों, और तटीय पुलिस नेटवर्क जैसे प्रमुख बुनियादी ढाँचे के गलियारों में कनेक्टिविटी को मजबूत करना भी है। एक संयुक्त कार्य समूह 90-दिवसीय पायलट रोलआउट की देखरेख करेगा। जिसमें 30, 60 और 90 दिनों के विशिष्ट लक्ष्य होंगे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पायलट प्रोजेक्ट की तिमाही समीक्षा की जाएगी। स्टारलिंक के उपाध्यक्ष लॉरेन ड्रेयर ने कहा कि हमें गर्व है कि हम उच्च गति की कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो और लोग कहीं भी हों। इसलिए, इस अनूठी पहल में महाराष्ट्र सरकार के साथ सहयोग करते हुए हमें गर्व हो रहा है।
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