पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक बार फिर लोक लुभावन नारों के साथ बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सियासी वैतरणी पार करने की जुगाड़ में लग गए है। राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस के साथ साथ पासी जाति पर डोरे डालने को पुराना ही वादा फिर कर गए। याद कीजिए जब नीतीश कुमार ने शराबबंदी कानून लागू किया और साथ में ताड़ी पर प्रतिबंध लगाया था। तब भी पासी समुदाय से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने वादा किया था कि जब वो सरकार में आयेंगे तो यह प्रतिबंध हटेगा। दरअसल कल पासी समुदाय से जो वादा तेजस्वी यादव ने किया वह पहले से ही लालू प्रसाद इस समाज से कर चुके हैं। लालू का क्या था वादा?जुलाई 2016 में ही राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने नीतीश की शराबबंदी नीति का जमकर विरोध किया था। तब लालू ने स्पष्ट रूप से कहा कि बिहार में ताड़ी पर प्रतिबंध नहीं रहेगा। न तो ताड़ी पीने पर प्रतिबंध रहेगा, न बेचने पर। उनके शासनकाल में ताड़ी की बिक्री को लेकर जो नियम बने थे वे लागू रहेंगे। गौरतलब है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का बयान तब आया था जब बिहार सरकार ने 1 अप्रैल से जो शराबबंदी लागू की थी, उसी में ताड़ी पर भी प्रतिबंध की बात कही गई थी। अब तेजस्वी ने क्या किया वादा?बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को ही पटना के श्रीकृष्ण स्मारक भवन सभागार में आयोजित ताड़ी व्यवसाई महाजुटान कार्यक्रम को संबोधित करते कहा कि बिहार के कई क्षेत्रों में ताड़ी का व्यवसाय होता है।बिहार विधानसभा 2025 चुनाव के बाद अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो इस व्यवसाय को उद्योग का दर्जा दिया जाएगा। पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी शराबबंदी कानून से ताड़ी के व्यवसाय को अलग करने की बात कही थी, लेकिन यह संभव नहीं हो सका। नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की ‘नीरा’ योजना भी फ्लॉप हो गई। आगामी चुनाव में हमारी सरकार बनी तो ताड़ी को शराबबंदी से अलग कर दिया जाएगा। चिराग के वोट पर नजरदरअसल , तेजस्वी यादव की नजर चिराग पासवान के उस 7 प्रतिशत वोट पर है जिसके सहारे लोजपा(आर) लोकसभा में पांच सांसद भेजने में सफल रही। तेजस्वी ने इसी समाज को राजद से जोड़ने हेतु कवायद शुरू की है। अपनी नीति को स्पष्ट करते कहा भी है कि पासी समाज में 76 प्रतिशत लोग भूमिहीन हैं। आज शराबबंदी कानून से सबसे ज्यादा उत्पीड़न पासी समाज का हुआ है। उनके पुश्तैनी पेशे को बंद करा कर नीतीश सरकार ने उनकी पेट पर लात मारी है। नीतीश सरकार के इस रवैये के खिलाफ जरूरी है कि सरकार को वोट की चोट दी जाए और महागठबंधन की सरकार बनाई जाए। महागठबंधन सरकार आई तो ताड़ी को उद्योग का दर्जा दे कर आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जाएगा। ये चुनावी वादा है- दीपक कोचगवेवरिष्ठ पत्रकार दीपक कोचगवे के अनुसार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सिर्फ चुनावी वादा कर रहे हैं। 20 नवंबर 2015 में नीतीश सरकार में राजद भी शामिल हुई। यह सरकार 26 जुलाई 2017 तक चली। पर राजद की तरफ से कोई पहल हुई क्या ? इसके बाद 10 अगस्त 2022 को फिर से लालू यादव की पार्टी और जदयू की महागठबंधन की सरकार बनी। 28 जनवरी 2024 तक राजद सत्ता में रहा। पर क्या ताड़ी पर प्रतिबंध हटाने का कोई प्रस्ताव लाया गया क्या ? बस ,एक बार फिर तेजस्वी यादव ने चुनावी वादा कर पासी समाज का समर्थन मांगा है। अब 2025 विधानसभा चुनाव में देखना होगा कि पासी समुदाय के वोटर किस पर भरोसा जताते हैं।
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