US School Education: अमेरिका चीन को अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मानता है। वह उसे हर फील्ड में पछाड़ना चाहता है, ताकि दुनिया में उसका दबदबा बना रहे। मगर अब हालात बदल रहे हैं और अमेरिका खुद चीन के नक्शेकदम पर चलने की तैयारी कर रहा है। यहां हैरानी वाली बात ये है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी और देश की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप खुद अमेरिका को चीन के नक्शेकदम पर चलाना चाहती हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर मेलानिया ऐसा क्या कर रही हैं।
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दरअसल, मेलानिया ट्रंप ने देश के बिजनेस और टेक्नोलॉजी लीडर्स से गुजारिश की है कि वे स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को सपोर्ट करें, ताकि बच्चों को भविष्य की जॉब्स के लिए स्कूल से ही तैयार किया जा सके। यहां गौर करने वाली चीज ये है कि इस साल मार्च में ही चीन ने प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों में AI एजुकेशन पढ़ाने का ऐलान किया था। स्कूली बच्चों को हर एक अकेडमिक ईयर में 8 घंटे AI एजुकेशन दी जा रही है। स्कूलों ने AI को करिकुलम में शामिल कर उसे पढ़ाना भी शुरू कर दिया है।
बच्चों जैसा करना होगा AI के साथ बर्ताव: मेलानिया ट्रंप
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एजुकेशन टास्क फोर्स की मीटिंग में बोलते हुए मेलानिया ने AI एजुकेशन देते हुए सावधानी बरतने की भी बात की। उन्होंने कहा, 'नेता और पैरेंट्स के तौर पर हमें AI ग्रोथ को जिम्मेदारी के साथ मैनेज करना चाहिए। शुरुआत में ये हमारी ड्यूटी है कि हम AI के साथ उस तरह का बर्ताव करें, जैसा हम अपने बच्चों के साथ करते हैं। AI के साथ बच्चों को सशक्त तो किया जाए, लेकिन बहुत ज्यादा निगरानी के साथ।' शिक्षा मंत्री लिंडा मैक्मोहन ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
मेलानिया ट्रंप ने टेक कंपनियों से गुजारिश की कि वे स्कूली बच्चों को AI ट्रेनिंग मुहैया कराएं, क्योंकि ये राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, 'AI एक शक्तिशाली टूल हो सकता है, लेकिन तभी, जब हम युवाओं को ये सिखा पाएं कि इसका इस्तेमाल किस तरह करना है।' प्रथम महिला ने K-12 तक के स्टूडेंट्स के लिए हाल ही में शुरू की गई राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता पर भी रोशनी डाली, जिसमें उन्हें प्रोजेक्ट या सामुदायिक चुनौतियों में AI को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
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दरअसल, मेलानिया ट्रंप ने देश के बिजनेस और टेक्नोलॉजी लीडर्स से गुजारिश की है कि वे स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को सपोर्ट करें, ताकि बच्चों को भविष्य की जॉब्स के लिए स्कूल से ही तैयार किया जा सके। यहां गौर करने वाली चीज ये है कि इस साल मार्च में ही चीन ने प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों में AI एजुकेशन पढ़ाने का ऐलान किया था। स्कूली बच्चों को हर एक अकेडमिक ईयर में 8 घंटे AI एजुकेशन दी जा रही है। स्कूलों ने AI को करिकुलम में शामिल कर उसे पढ़ाना भी शुरू कर दिया है।
बच्चों जैसा करना होगा AI के साथ बर्ताव: मेलानिया ट्रंप
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एजुकेशन टास्क फोर्स की मीटिंग में बोलते हुए मेलानिया ने AI एजुकेशन देते हुए सावधानी बरतने की भी बात की। उन्होंने कहा, 'नेता और पैरेंट्स के तौर पर हमें AI ग्रोथ को जिम्मेदारी के साथ मैनेज करना चाहिए। शुरुआत में ये हमारी ड्यूटी है कि हम AI के साथ उस तरह का बर्ताव करें, जैसा हम अपने बच्चों के साथ करते हैं। AI के साथ बच्चों को सशक्त तो किया जाए, लेकिन बहुत ज्यादा निगरानी के साथ।' शिक्षा मंत्री लिंडा मैक्मोहन ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
मेलानिया ट्रंप ने टेक कंपनियों से गुजारिश की कि वे स्कूली बच्चों को AI ट्रेनिंग मुहैया कराएं, क्योंकि ये राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, 'AI एक शक्तिशाली टूल हो सकता है, लेकिन तभी, जब हम युवाओं को ये सिखा पाएं कि इसका इस्तेमाल किस तरह करना है।' प्रथम महिला ने K-12 तक के स्टूडेंट्स के लिए हाल ही में शुरू की गई राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता पर भी रोशनी डाली, जिसमें उन्हें प्रोजेक्ट या सामुदायिक चुनौतियों में AI को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
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