गर्मियों में लड्डू गोपाल को क्या अर्पित करें – जानें उपयुक्त भोग के प्रकार
भगवान श्रीकृष्ण हमारे देश के सर्वप्रिय आराध्य देवों में से एक हैं। उनके बाल रूप को लड्डू गोपाल के नाम से जाना जाता है। बहुत से घरों में मथुरा-वृंदावन से लड्डू गोपाल की मूर्ति लाकर उन्हें परिवार के छोटे सदस्य की तरह पूजा जाता है। जैसे हम किसी बालक का ध्यान रखते हैं, वैसे ही गर्मियों में लड्डू गोपाल की देखभाल भी विशेष रूप से की जाती है।
उनके लिए गर्मियों में ठंडी हवा की व्यवस्था की जाती है, और भोजन से पहले उन्हें शीतल एवं सुपाच्य भोग अर्पित किया जाता है। आइए जानते हैं कि गर्मियों के मौसम में लड्डू गोपाल को क्या-क्या चीजें भोग में अर्पित की जानी चाहिए जिससे वे प्रसन्न हों और उनका आशीर्वाद परिवार पर बना रहे।
गर्मियों में लड्डू गोपाल को अर्पित किए जाने वाले शीतल पेय और भोग
1. मीठा दही
गर्मियों में मीठा दही लड्डू गोपाल को अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। दही शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ पाचन में भी सहायक होता है। यह उन्हें प्रसन्न करता है और घर में शांति बनी रहती है।
2. लस्सी
लस्सी एक पारंपरिक ठंडा पेय है जो शरीर को शीतलता प्रदान करता है। इसे लड्डू गोपाल को भोग स्वरूप अर्पित किया जा सकता है। यह पाचन के लिए लाभकारी होता है और भक्तों को सुख-समृद्धि प्रदान करता है।
3. नारियल पानी
नारियल पानी गले और पेट के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। गर्मी के दिनों में इसे लड्डू गोपाल को अर्पित करने से उन्हें शीतलता मिलती है और वातावरण में भी ताजगी बनी रहती है।
4. बेल का शरबत
बेल का शरबत आयुर्वेद में गर्मियों का सर्वोत्तम पेय माना गया है। इसकी ठंडी तासीर शरीर की गर्मी को शांत करती है। इसे भगवान को अर्पित करना न केवल धार्मिक दृष्टि से उत्तम है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
5. ठंडा दूध
श्रीकृष्ण को दूध अत्यंत प्रिय है। गर्मियों में उन्हें ठंडा दूध भोग में अर्पित करें। दूध में हल्की मात्रा में मिश्री या चीनी मिलाकर देना उत्तम होता है। यह भोग न केवल उनके प्रिय है, बल्कि यह घर के सदस्यों के जीवन में मिठास और शांति भी लाता है।
निष्कर्ष
लड्डू गोपाल केवल पूजा की मूर्ति नहीं, बल्कि सच्चे प्रेम और भक्ति से जुड़े पारिवारिक सदस्य जैसे होते हैं। गर्मियों में उन्हें वही भोग अर्पित करें जो शरीर को ठंडक देता है और स्वास्थ्यवर्धक होता है। यह न केवल एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक भी है।
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