आज के समय में बच्चों की हायर एजुकेशन बहुत महंगी हो चुकी है, और आने वाले समय में यह खर्च और भी बढ़ सकता है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे की पढ़ाई में कोई बाधा न आए, तो अभी से फाइनेंशियल प्लानिंग शुरू करना जरूरी है।
चाहे आपका सपना हो कि बच्चा विदेश में पढ़ाई करे या भारत के किसी टॉप कॉलेज में दाखिला पाए, इसके लिए आपको लाखों रुपये की जरूरत पड़ेगी। आइए जानते हैं वो 3 जरूरी टिप्स जो बच्चों की पढ़ाई के लिए मजबूत फाइनेंशियल फाउंडेशन तैयार कर सकती हैं।
📌 1. भविष्य के खर्चों का अनुमान लगाएंसबसे पहले यह समझें कि आपके बच्चे की हायर एजुकेशन में कितना खर्च आ सकता है। इसमें ट्यूशन फीस के साथ-साथ हॉस्टल, ट्रैवल, रहन-सहन, और अन्य ज़रूरतें शामिल हैं।
उदाहरण के लिए, आज जो कोर्स ₹10 लाख का है, वह 15 साल बाद ₹30 लाख या उससे ज्यादा का हो सकता है। इसलिए महंगाई को ध्यान में रखकर प्लानिंग करें।
📌 2. जल्दी निवेश करें और अनुशासित रहेंजितनी जल्दी आप निवेश शुरू करेंगे, उतना ज्यादा फायदा कंपाउंडिंग से मिलेगा। बचत खाता या FD पर निर्भर ना रहें। इन विकल्पों पर विचार करें:
- म्यूचुअल फंड SIP (लंबी अवधि में 10–12% तक रिटर्न)
- सुकन्या समृद्धि योजना (बेटियों के लिए)
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
- एजुकेशन फंड ULIPs
अगर आप अपने 2 साल के बच्चे के लिए ₹5,000 महीने की SIP शुरू करते हैं, तो 18 साल की उम्र तक आप ₹25–30 लाख तक फंड बना सकते हैं।
📌 3. एजुकेशन लोन और स्कॉलरशिप पर भी ध्यान देंअगर आपकी सेविंग्स पूरी नहीं पड़ती हैं तो आप एजुकेशन लोन भी ले सकते हैं। इसके लिए ऐसी बैंक या संस्थान चुनें जो:
- कम ब्याज दर दें
- आसान रीपेमेंट ऑप्शन दें
- Section 80E के तहत टैक्स छूट दें
साथ ही साथ, स्कॉलरशिप की जानकारी जुटाएं। कई विदेशी यूनिवर्सिटीज और भारत के संस्थान योग्य छात्रों को फीस में छूट या पूरी फंडिंग देते हैं।
बच्चे की पढ़ाई के लिए फाइनेंशियल तैयारी करना सिर्फ एक ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि एक स्मार्ट निवेश है। आज से शुरुआत करके आप आने वाले कल में अपने बच्चे को आर्थिक रूप से स्वतंत्र और शिक्षित बना सकते हैं।
💡 याद रखें — जितनी जल्दी शुरुआत करेंगे, उतनी बड़ी राहत भविष्य में मिलेगी!
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