बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा बदलाव आने वाला है। अब अगर आपने समय पर बिजली बिल का भुगतान नहीं किया, तो आपकी बिजली सिर्फ एक क्लिक में कट सकती है। सरकार जल्द ही स्मार्ट मीटर से जुड़ा नया नियम लागू करने जा रही है, जिससे बिजली सेवा पूरी तरह रिचार्ज आधारित हो जाएगी।🔋 स्मार्ट प्रीपेड मीटर – बिजली सेवा अब मोबाइल की तरह
गजरौला डिवीजन में बिजली विभाग द्वारा 74,000 स्मार्ट मीटर लगाए जाने की योजना है, जिसमें से 8000 मीटर पहले ही लगाए जा चुके हैं। ये मीटर बिल्कुल मोबाइल रिचार्ज की तरह काम करेंगे – जितना रिचार्ज, उतनी बिजली।
उपभोक्ता अपने स्मार्ट मीटर को मोबाइल ऐप या विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन रिचार्ज कर सकेंगे। जब मीटर का बैलेंस खत्म हो जाएगा, तो बिजली की आपूर्ति स्वतः रुक जाएगी।
🖱️ बकायेदारों के लिए एक क्लिक में पावर कटअब तक बिजली विभाग के कर्मचारी बकायेदारों के घर जाकर सीढ़ियों पर चढ़कर कनेक्शन काटते थे, लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद ये झंझट खत्म हो जाएगा। विभाग अब ऑफिस से एक क्लिक में बिजली काट सकेगा।
ये पूरा सिस्टम ऑनलाइन कंट्रोल रूम से संचालित होगा, जिससे बिजली विभाग को समय और संसाधनों की बचत होगी।🔐 बिजली चोरी और फर्जी बिलों पर लगेगा ब्रेक
स्मार्ट मीटर में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है, जो बिजली चोरी और मीटर टेम्परिंग जैसी समस्याओं को खत्म करेगा। किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर कंट्रोल रूम को तुरंत अलर्ट मिल जाएगा।
इसके साथ ही, अब गलत रीडिंग या ज्यादा बिल आने जैसी शिकायतें भी खत्म हो जाएंगी, क्योंकि मीटर खुद-ब-खुद महीने के अंत में रीयल टाइम उपयोग के आधार पर बिल तैयार करेगा।
💰 इंस्टॉलेशन का कोई अतिरिक्त शुल्क नहींबिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर लगाने के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा। इसकी लागत बिजली विभाग खुद उठाएगा। उपभोक्ता ₹50, ₹500 या ₹1000 के अनुसार अपनी सुविधा से ऑनलाइन रिचार्ज कर सकेंगे।
विभाग के मुताबिक, फिलहाल बिल जनरेशन और ऑनलाइन भुगतान की सुविधा चालू है, और प्रीपेड रिचार्ज सुविधा जल्द ही शुरू होगी।🔎 परीक्षण के बाद होगी पूरी सुविधा लागू
अब तक विभाग ने 1700 टेस्ट मीटर लगाए हैं ताकि सिस्टम को परखा जा सके। XEN नीरज कुमार के अनुसार, अब तक किसी भी बड़ी तकनीकी समस्या की जानकारी नहीं मिली है।
जैसे ही सभी मीटर स्थापित हो जाएंगे और सिस्टम स्थिर हो जाएगा, प्रीपेड और रिमोट डिसकनेक्शन की सुविधाएं पूरी तरह लागू कर दी जाएंगी।
स्मार्ट मीटर व्यवस्था बिजली प्रबंधन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे जहां उपभोक्ता अपनी बिजली पर बेहतर नियंत्रण रख सकेंगे, वहीं विभाग को भी बकाया वसूली, चोरी और गलत बिलिंग जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी।
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