यह समाचार बिहार की सियासत में उठ रहे अंदरूनी टकराव को और स्पष्ट करता है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) द्वारा अभी तक विधानसभा अध्यक्ष को यह आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है कि तेज प्रताप यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। इसी कारण विधानसभा की कार्यवाही में उनकी सीट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
अगर तेज प्रताप यादव बिहार विधानसभा के मानसून सत्र (जो कि कल से शुरू हो रहा है) में शामिल होते हैं, तो वे तेजस्वी यादव के बगल वाली पहले से तय सीट पर ही बैठेंगे। इससे विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सियासी और व्यक्तिगत रिश्तों में तल्खी के दृश्य सामने आ सकते हैं।
इस मुद्दे के कुछ मुख्य बिंदु:
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RJD ने तेज प्रताप के निष्कासन की घोषणा की, लेकिन औपचारिक जानकारी विधानसभा अध्यक्ष को नहीं दी।
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विधानसभा प्रक्रिया के अनुसार, जब तक स्पीकर को लिखित सूचना नहीं मिलती, सदस्य की सीट या हैसियत में बदलाव नहीं किया जा सकता।
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अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि तेज प्रताप यादव सत्र में भाग लेंगे या नहीं, और अगर लेंगे तो सदन में क्या रुख अपनाएंगे।
यह मामला न केवल RJD के आंतरिक संकट को दिखाता है,
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