नई दिल्ली, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच गुरुवार को द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने बहुआयामी साझेदारी को और सशक्त बनाने के अवसरों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर को भारत का प्रमुख वाणिज्यिक सहयोगी और ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का अहम स्तंभ बताया।
प्रधानमंत्री मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री वोंग के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय वार्ता में आर्किटेक्चर, हरित शिपिंग, कौशल विकास, जल प्रबंधन, परमाणु ऊर्जा और उन्नत विनिर्माण जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया। एआई, क्वांटम और डिजिटल टेक्नोलॉजी, अंतरिक्ष विज्ञान तथा सेमीकंडक्टर उद्योग में सहयोग के नए अध्याय जोड़ने का निर्णय भी हुआ। बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त रुप से प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर को दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा वाणिज्यिक सहयोगी बताया। उन्होंने कहा कि सिंगापुर से भारत में बड़े स्तर पर निवेश हुआ है। पिछले साल सिंगापुर यात्रा के दौरान उन्होंने अपने संबंधों को व्यापक रणनीतिक भागीदारी का दर्जा दिया था और इस वर्ष संवाद और सहयोग में गति और गहराई आई है।
सिंगापुर को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आसियान के साथ सहयोग और इंडो पेसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए संयुक्त विजन को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और सिंगापुर का सहयोग आज की वार्ता के बाद पारंपरिक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा। हमने अपनी भागीदारी के भविष्य के लिए एक विस्तृत रोड में तैयार किया है। बदलते समय के अनुरूप आर्किटेक्चर, उन्नत विनिर्माण, हरित शिपिंग, कौशल, नागरिक परमाणु और जल प्रबंधन सहित विविध क्षेत्र वार्ता के केंद्र बिंदु रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे संबंध कूटनीति से कहीं आगे तक जाते हैं। यह एक उद्देश्यपूर्ण साझेदारी है, जो साझा मूल्यों पर आधारित है, आपसी हितों से निर्देशित है और शांति, प्रगति और समृद्धि के साझा दृष्टिकोण से प्रेरित है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल सेमीकंडक्टर क्षेत्र में हुए भागीदारी समझौते ने शोध और विकास कार्य को नई दिशा दी है। सिंगापुर चेन्नई में एक राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्ट केंद्र स्थापित करने में सहयोग देगा। सेमीकंडर इंडिया में कॉन्फ्रेंस में सिंगापुर की कंपनियों ने वेंचर कर हिस्सा ले रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि दोनों देशों ने तय किया है कि वे एआई, क्वांटम और अन्य डिजिटल टेक्नोलॉजी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे। वहीं आज स्पेस क्षेत्र में भी समझौता हुआ है जिससे अंतरिक्ष विज्ञान में सहयोग का नया अध्याय जुड़ रहा है। टेक्नोलॉजी और नवाचार में हमारी साझेदारी दोनों देशों के रिश्तों की मजबूत स्तंभ है।
आतंकवाद पर सामान चिंताएं साझा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ एकजुटता से लड़ना सभी मानवतावादी देशों का कर्तव्य है। इसी संदर्भ में उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख किया और कहा कि भारत के लोगों के प्रति संवेदना और आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई का समर्थन देने के लिए वह सिंगापुर के प्रधानमंत्री और सिंगापुर की सरकार का आभार व्यक्त करते हैं।
प्रधानमंत्री वोंग के पहली बार भारत आगमन पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनका स्वागत किया और कहा कि इस वर्ष को दोनों देश अपने संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इससे पहले विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सुबह मेहमान नेता से मुलाकात की और भारत सिंगापुर संबंधों को लगातार मजबूत करने की उनके प्रयासों की सराहना की।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा
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