मीरजापुर, 3 सितंबर (Udaipur Kiran) । मनरेगा की योजनाओं में पारदर्शिता का दावा करने वाली व्यवस्था में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। मड़िहान तहसील के नेवढ़िया गांव में ग्राम प्रधान ने अपनी ही सास अनारकली के नाम फर्जी मस्टरोल भरकर दो लाख 76 हजार 845 रुपये का भुगतान करा दिया।
लोकपाल मनरेगा मदन गोपाल गुप्ता की जांच में सामने आया कि ग्राम प्रधान पुष्पा देवी, सचिव सुजीत कुमार सिंह और पंचायत सहायक अंशुल सिंह ने मिलकर सरकारी धन का गोलमाल किया। शिकायत मुस्किरा गांव निवासी कमला शंकर मिश्र ने आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज कराई थी।
जांच में खुलासा हुआ कि 12 और 13 जुलाई को प्रधान जेल में बंद थीं, लेकिन उसी दौरान उनकी सास के नाम मस्टरोल भरकर भुगतान कर दिया गया। इतना ही नहीं, धंधरौल नहर से हरिजन बस्ती तक चक मार्ग और पुलिया का निर्माण दिखाकर एक लाख 96 हजार 754 रुपये निकाल लिए गए। वहीं शोकपीट गड्ढा के नाम पर भी 51 हजार 217 रुपये का फर्जी भुगतान कर दिया गया।
लोकपाल ने पूरे प्रकरण को गंभीर मानते हुए बीडीओ को आदेश दिया कि तीनों दोषियों से रिकवरी कराई जाए और अर्थदंड लगाया जाए।
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(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
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