Next Story
Newszop

'विश्व धरोहर दिवस' पर बरेका में ऐतिहासिक विरासत की जीवंत प्रदर्शनी

Send Push

बरेका महाप्रबंधक ने प्रदर्शनी दीर्घा का फीता काट कर किया शुभारंभ

वाराणसी,18 अप्रैल (हि,स,). ‘विश्व धरोहर दिवस’ पर शुक्रवार को बनारस रेल इंजन कारखाना में ऐतिहासिक विरासत पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. जिसका थीम रहा आपदा एवं संघर्ष प्रतिरोधी विरासत – विरासत की सुरक्षा हेतु कार्रवाई. इस मौके पर बरेका के ऐतिहासिक सफर, तकनीकी नवाचारों और अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया.

महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर विवेक शील, सहायक डिजाइन इंजीनियर/बोगी राजेश कुमार शुक्ला के साथ प्रदर्शनी का फीता काटकर उद्घाटन किया. इस अवसर पर महाप्रबंधक ने कहा, “बरेका केवल एक कारखाना नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रगति का प्रतीक है. यह आयोजन हमें अतीत की प्रेरणा और भविष्य की दिशा दोनों प्रदान करता है. यह आयोजन न केवल बरेका की उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि नई पीढ़ियों को अपनी जड़ों, तकनीकी मूल्यों और आत्मनिर्भरता के महत्व से जोड़ने का प्रयास भी है. महाप्रबंधक ने कहा कि तकनीकी विकास तभी सार्थक है जब वह हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से जुड़ा हो. बरेका हमेशा इस संतुलन को बनाए रखने का प्रयास करता रहेगा.

प्रदर्शनी में बरेका निर्मित डीजल रेल इंजन डब्ल्यू डी एम 2 ‘कुंदन’ से इलेक्ट्रिक लोको ‘डब्ल्यूएपी 7’ तक का सफर 1964 में निर्मित पहले स्वदेशी इंजन ‘कुंदन’ से लेकर आधुनिकतम इंजनों की विकास यात्रा ने दर्शकों को तकनीकी प्रगति की रोमांचक झलक दिखाई.

इंजन मॉडल्स की श्रृंखला: डब्ल्यूडीएम 2, डब्ल्यूडीजी 4 डी, डब्ल्यूडीपी 4 डी आदि इंजनों के तकनीकी विवरण और मॉडल्स ने प्रदर्शनी को अत्यंत शिक्षाप्रद और दर्शनीय बनाया.

_अंतरराष्ट्रीय निर्यात पर केंद्रित खंड वियतनाम, बांग्लादेश, म्यांमार, मलेशिया जैसे देशों को निर्यात किए गए इंजनों की प्रस्तुतियाँ भारत की वैश्विक तकनीकी उपस्थिति को उजागर करती रहीं.

‘मिस मफेट’ इंजन की विरासत: ब्रिटिश काल का 1935 में निर्मित ‘मिस मफेट’ इंजन सांस्कृतिक विरासत और तकनीकी इतिहास का सजीव प्रतीक बनकर दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहा.

डिजिटल डिस्प्ले, फोटो गैलरी, इंजन मॉडल्स और रंग-रोगन से सजे रेल इंजन परिसर को एक ‘लिविंग म्यूज़ियम’ में बदलते नजर आए. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी आगंतुकों ने प्रदर्शनी का आनंद लिया.

/ श्रीधर त्रिपाठी

Loving Newspoint? Download the app now