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'अमेरिका प्रथम नीति और दक्षिण एशिया पर प्रभाव' विषय पर कनाडाई प्रोफेसर ने दिया व्याख्यान

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नैनीताल, 10 अप्रैल . कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के राजनीति विज्ञान विभाग और अतिथि प्राध्यापक निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विद्वान व थॉमसन रीवर विश्वविद्यालय कनाडा के प्रोफेसर तथा कुमाऊं विश्वविद्यालय के अतिथि प्राध्यापक रॉबर्ट जे हैनलोन ने “अमेरिका प्रथम और कनाडा-दक्षिण एशिया संबंधों पर इसके प्रभाव” विषय पर एक विचारोत्तेजक ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित प्रस्तुत किया.

कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत के संरक्षण में आयोजित व्याख्यान में प्रो. हैनलोन ने विषय को ऐतिहासिक, सैद्धांतिक और समकालीन परिप्रेक्ष्य से रखते हुए बताया कि कैसे अमेरिका की “अमेरिका प्रथम” नीति ने कनाडा को नई भू-राजनीतिक समीकरणों को अपनाने हेतु बाध्य किया है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कनाडा की विदेश नीति किस प्रकार अमेरिका की नीति, घरेलू राजनीति, लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रवासी समुदायों के प्रभाव में आकार लेती है. दक्षिण एशिया को लेकर कनाडा की नीति में बढ़ती दिलचस्पी, इसमें प्रवासी भारतीयों और पाकिस्तानी समुदायों की भूमिका, साथ ही भारत, चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते सामरिक तनाव का कनाडा पर पड़ने वाले प्रभावों को भी उन्होंने स्पष्ट किया.

इस दौरान विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने भी प्रो. हैनलोन से विषय पर गहन प्रश्न पूछे, जिनका प्रो. हैनलोन ने बौद्धिक और व्यावहारिक उत्तर देकर प्रतिभागियों को संतुष्ट किया. आयोजन में कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर नैनीताल की निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा, अतिथि प्राध्यापक निदेशालय के निदेशक प्रो. ललित तिवारी, राजनीति विज्ञान विभाग की प्रमुख और आयोजन सचिव प्रो. कल्पना एस अग्रहरि आदि ने भी विभिन्न योगदान दिये. कार्यक्रम में प्रो. रजनीश पांडे, प्रो. गीता तिवारी, डॉ. किरण तिवारी सहित आयोजन समिति के सदस्य डॉ. हरदेश शर्मा, डॉ. भूमिका प्रसाद, डॉ. रुचि मित्तल, डॉ. मोहित रौतेला, डॉ. पंकज सिंह सहित 100 से अधिक विद्यार्थी और शोधार्थी प्रतिभागी रहे.

/ डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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