शिमला, 09 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मॉनसून सक्रिय है और राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। भारी वर्षा के कारण नदी-नाले उफान पर हैं और बांधों का जलस्तर बढ़ने से कई बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। लगातार बारिश से जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है, जिससे सड़कों पर आवाजाही जोखिमपूर्ण हो गई है। राज्य में एक नेशनल हाईवे और 399 सड़कें बंद पड़ी हैं।
मौसम विभाग ने आगामी 15 अगस्त तक कई स्थानों पर मूसलाधार वर्षा की चेतावनी जारी की है। 9 और 10 अगस्त को कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। 11 से 14 अगस्त तक मॉनसून के और सक्रिय होने तथा कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना के चलते ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 15 अगस्त को भी भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। विभाग ने लोगों को एहतियात बरतने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
पिछली रात से आज सुबह तक बिलासपुर जिले के नैना देवी में सर्वाधिक 112 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मंडी के पंडोह में 102, रायपुर मैदान में 74, आरएल बीबीएमबी में 67, पच्छाद में 67 और नारकंडा में 66 मिलीमीटर वर्षा हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार एक जून से अब तक राज्य में सामान्य से 13 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है, जिसमें शिमला जिले में 67 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार भूस्खलन से शनिवार सुबह तक एक नेशनल हाईवे व 399 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा 704 बिजली ट्रांसफार्मर व 178 पेयजल परियोजनाएं भी ठप पडी हैं। कुल्लू जिला में नेशनल हाईवे 305 जहेड खनग के पास अवरूद्व है। मंडी जिला में सबसे ज्यादा 240 सड़कें बंद हैं। कुल्लू जिला में 99 सड़कें बंद हैं। कुल्लू जिला में 382 बिजली ट्रांसफार्मर व मंडी जिला में 300 पेयजल स्कीमें ठंप हैं। वहीं मंडी जिला में 105 पेयजल स्कीमें व कांगड़ा जिला में 73 पेयजल स्कीमें बंद हैं।
मॉनसून शुरू होने से अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 208 लोगों की मौत, 37 लोगों के लापता होने और 313 के घायल होने की पुष्टि हुई है। सबसे अधिक 42 मौतें मंडी जिले में दर्ज की गई हैं। अब तक 1977 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 493 पूरी तरह ढह गए हैं। 300 दुकानें और 1870 गौशालाएं भी नष्ट हुई हैं। अकेले मंडी में 1156 घर और 268 दुकानें ध्वस्त हुई हैं।
राज्य को अब तक करीब 1988 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 1055 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 681 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। मॉनसून सीजन में अब तक 58 बार फ्लैश फ्लड, 30 बार बादल फटने और 51 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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