काठमांडू, 18 अप्रैल . नेपाल में राजशाही के पक्ष में लंबे समय से राजनीति कर रही राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) और पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के बीच दरार पैदा हो गई है. पार्टी ने पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के सभी संगठन समूह, अभियान आदि की मान्यता को खारिज कर दी है. इतना ही नहीं, पार्टी ने फैसला लिया है कि पूर्व राजा के अभियान में जुड़ने पर पार्टी की सदस्यता स्वतः खारिज हो जाएगी.
पार्टी की केन्द्रीय समिति की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में शुक्रवार को पत्रकार सम्मेलन में जानकारी दी गई. पार्टी प्रवक्ता मोहन श्रेष्ठ ने बताया कि अब से नेपाल में राजसंस्था की वापसी के लिए पार्टी के नेतृत्व में ही कोई भी अभियान या आंदोलन चलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि पार्टी के नेताओं को पार्टी गतिविधि के अलावा अन्य किसी भी प्रकार के अभियान या आंदोलन में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया गया है. उन्होंने कहा कि पार्टी के ऐसे सभी पदाधिकारियों का पद स्वतः खत्म हो जायेगा, जो अन्य किसी समूह संगठन या अभियान में सक्रिय हैं. पार्टी ने अपने सभी नेताओं को इस तरह के अभियानों से अलग होने की हिदायत भी दी गई है. पार्टी की तरफ से 20 अप्रैल को काठमांडू के निषेधित क्षेत्र में संसद भवन के आगे प्रदर्शन करके सामूहिक गिरफ्तारी देने की घोषणा की गई है.
दरअसल, पिछले दिनों पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह ने राजशाही के पक्ष में राजनीति करने वाली आरपीपी पार्टी को दरकिनार करते हुए उसी पार्टी के कुछ नेताओं को अपने निवास में बुलाकर अलग अभियान की घोषणा करने को कहा था. शाह के निर्देशन के बाद पार्टी के उपाध्यक्ष रवीन्द्र मिश्र, महामंत्री धवल शमशेर राणा, पूर्व अध्यक्ष प्रकाश चंद लोहनी, केंद्रीय सदस्य नवराज सुवेदी को बुलाकर राजसंस्थ पुनर्स्थापना संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया गया था. इसमें सुबेदी के नेतृत्व में गठित इस समिति में रविन्द्र मिश्र को निदेशक समिति का संयोजक बनाया गया, जबकि धवल शमशेर के नेतृत्व में आंदोलन समिति की घोषणा की गई. इसी तरह पूर्व राजा ने दुर्गा प्रसाई को जनांदोलन समिति का कमांडर बनाया था.
पिछले 28 मार्च को काठमांडू में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद उस समिति के संयोजक नवराज सुवेदी अभी तक हाउस अरेस्ट हैं, जबकि रविन्द्र मिश्र और धवल शमशेर को पुलिस ने उसी रात को गिरफ्तार किया था. इसी तरह पूर्व राजा के आंदोलन का कमांडर बनाए गए दुर्गा प्रसाई को भारत के असम से गिरफ्तार करके नेपाल लाया गया है.
—————
/ पंकज दास
You may also like
2036 के ओलंपिक खेलों का आयोजन गुजरात में कराने के प्रयास : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
इतनी नफरत!! हिंदी बोलने वालों को ट्रेन में ढूंढ-ढूंढकर पीट रहा है यह सनकी, पकड़ने में करें मदद ⑅
राजस्थान में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना! दलित युवक के साथ कुकर्म कर प्राइवेट पार्ट पर मारी लात, मुंह पर किया पेशाब
PM Awas Yojana: इस योजना में लोगों को मिल रहा हैं 3 प्रतिशत कम ब्याज दर पर लोन, जाने कौन हैं इसके लिए पात्र
PBKS vs RCB Dream11 Prediction, IPL 2025: श्रेयस अय्यर या विराट कोहली, किसे बनाएं कप्तान? यहां देखें Fantasy Team