-पद्मभूषण पं. हरिप्रसाद चौरसिया की बांसुरी से गूंजा हनुमत दरबार
वाराणसी, 16 अप्रैल . हनुमान जयंती के अवसर पर श्री संकट मोचन मंदिर परिसर में बुधवार शाम से 06 दिवसीय श्री संकट मोचन संगीत समारोह का शुभारंभ हुआ. इस 102वें वार्षिक आयोजन की शुरुआत पद्मभूषण पं. हरिप्रसाद चौरसिया के बांसुरी वादन से हुई, जिन्होंने संकट मोचन हनुमान जी की भावपूर्ण स्तुति प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया.
खास बात यह रही कि बांसुरी वादन के दौरान, अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास एवं श्री संकट मोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विश्वम्भर नाथ मिश्र ने पं.हरिप्रसाद चौरसिया के खास आग्रह पर स्वयं पखावज पर संगत कर समारोह को नई ऊंचाई प्रदान की. पं. चौरसिया ने इस दौरान कहा,”महंत प्रो.मिश्र को कई आयोजनों में पखावज वादन करते हुए देखकर बहुत ही आनंद की अनुभूति हुई. आप इतना सुंदर पखावत बजाते हैं.
मंदिर परिसर शाम होते-होते संगीत प्रेमियों से भरने लगा. जननी मुरली द्वारा प्रस्तुत भरतनाट्यम, मुंबई के पं. राहुल शर्मा का संतूर वादन, हैदराबाद से आए डॉ. येल्ला वेंकटेश्वर राव की मृदंगम संगत, और पं. अजय पोहनकर की ठुमरी गायकी से दरबार में संगीत की त्रिवेणी बहेंगी. देर रात पं. प्रवीण गोडखिंडी (बांसुरी), रोहित पवार (कथक), पं. अजय पोहनकर (गायन), पं. विकास महाराज एवं विभाष महाराज (सरोद-सितार) की प्रस्तुतियाँ श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगी.
समारोह के लिए पूरे मंदिर परिसर को खास तौर पर सजाया गया है. चार एलईडी स्क्रीन और 30 से अधिक साउंड बॉक्स श्रोताओं की सुविधा के लिए लगाए गए हैं. कलाकारों और आगंतुकों के स्वागत के लिए मंदिर परिसर में रेड कारपेट बिछाई गई है, जबकि कोना-कोना विद्युत झालरों से जगमगा रहा है. श्रोताओं को बैठने की व्यवस्था की गई है. और इस ऐतिहासिक 102वें आयोजन सांगीतिक आयोजन में कुल 45 प्रस्तुतियां होंगी, जिनमें 11 पद्म सम्मान प्राप्त कलाकार भी शामिल है. 16 कलाकार पहली बार हाजिरी लगाएंगे. इस बार हनुमत दरबार में नौ मुस्लिम कलाकार भी प्रस्तुति देने आएंगे.
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/ श्रीधर त्रिपाठी
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