जयपुर, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के उपलक्ष्य में नाबार्ड राजस्थान क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा “हथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्र की चुनौतियाँ एवं भविष्य की संभावनाएँ” विषय पर राज्य स्तरीय विचारमंथन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य बुनकरों और शिल्पकारों के योगदान को मान्यता देना, जन सहभागिता को बढ़ाना, क्षेत्रीय चुनौतियों की पहचान करना तथा नवाचार और सतत विकास के लिए रणनीति तैयार करना था।
कार्यशाला की अध्यक्षता डॉ. आर. रवि बाबू, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड, राजस्थान क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा की गई। डॉ. रवि बाबू ने राजस्थान की समृद्ध शिल्प कलाएं जैसे ब्लू पॉटरी, मिनिएचर पेंटिंग्स, संगमरमर नक्काशी, ब्लॉक प्रिंटिंग का उल्लेख करते हुए हस्तशिल्प क्षेत्र की वर्तमान स्थिति, निर्यात में इसका योगदान, सरकारी योजनाएं, नाबार्ड की पहलें और चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
प्रमुख वक्ताओं में डॉ. तुलिका गुप्ता, निदेशक, भारतीय शिल्प एवं डिज़ाइन संस्थान (IICD), ने पारंपरिक शिल्पों में आधुनिक डिज़ाइन के समावेश की आवश्यकता पर विशेष ज़ोर दिया।पद्मश्रीसे सम्मानितडॉ. रजनीकांत,ने जीआई के बाद की गतिविधियों जैसे अधिकृत उपयोगकर्ता पंजीकरण, प्रशिक्षण, ब्रांड निर्माण और जीआई उत्पादों को पर्यटन से जोड़ने की रणनीति पर चर्चा की।
राज्य स्तरीय कार्यशाला में विभिन्न हितधारकों द्वारा विभिन्न सुझाव साझा किए गए जैसे महिला बुनकरों को सरकारी योजनाओं की जानकारी और बेहतर ऋण सुविधा उपलब्ध करा कर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना,उत्पादकता में वृद्धि के लिए उन्नत उपकरणों और आधारभूत सुविधाओं के साथ क्लस्टर आधारित विकास गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाना, युवाओं को इस क्षेत्र की ओर आकर्षित करने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों का आयोजन। पारंपरिक शिल्पों को आधुनिक बाज़ार से जोड़ने हेतु डिज़ाइन संस्थानों के साथ साझेदारी की आवश्यकता को भी हाइलाइट किया गया एवं भौगोलिक संकेतक (जीआई) उत्पादों को पर्यटन से जोड़ने की रणनीति पर भी चर्चा हुई, जिससे इन उत्पादों को बेहतर बाज़ार पहचान मिल सके।
कार्यशाला के दौरान कठपुतली कलाकारों द्वारा पारंपरिक कठपुतली नृत्य भी प्रस्तुत किया गया। साथ ही सांगानेरी एवं बागरू हैंड ब्लॉक प्रिंट्स, ब्लू पॉटरी, पेपर क्राफ्ट आदि की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। कार्यशाला में विकास आयुक्त, हस्तशिल्प (भारत सरकार), केवीआईसी, बुनकर सेवा केंद्र, ट्राइफेड, जिला उद्योग केंद्र, राजस्थान राज्य सहकारी बैंक, राजस्थान ग्रामीण बैंक, वाणिज्यिक बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य स्तरीय बैंकेर्स समिति के प्रतिनिधि, कृषीतर उत्पादक संगठन , सीएसआर संस्थाएं, एनजीओ एवं राजस्थान के विभिन्न क्लस्टरों से आए शिल्पकारों ने भाग लिया। नाबार्ड के विभिन्न जिलों के जिला विकास प्रबन्धकों, बुनकरों और शिल्पकारों ने वर्चुअल रूप से भी सहभागिता की।
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(Udaipur Kiran) / राजीव
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