Next Story
Newszop

हिमाचल में छह दिन तक भारी वर्षा का अलर्ट, बाढ़ की चेतावनी, 250 सड़कें बंद

Send Push

शिमला, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में दक्षिण-पश्चिमी मानसून की सक्रियता से वर्षा का दौर जारी है। बीती रात राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश हुई, जबकि राजधानी शिमला व आसपास के क्षेत्रों में आज सुबह से रुक-रुक कर वर्षा हो रही है। मौसम विभाग ने आगामी छह दिन यानी 24 जुलाई तक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। 18, 19 और 20 जुलाई को भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा, जबकि 21, 22 और 23 जुलाई को भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। 24 जुलाई के लिए भी येलो अलर्ट जारी है।

लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों में शुक्रवार काे अचानक बाढ़ की चेतावनी दी गई है। किन्नौर में बीती रात भारी वर्षा के कारण प्रशासन ने पवित्र किन्नर कैलाश यात्रा पर आज के लिए रोक लगा दी है। भूस्खलन और भारी बारिश के चलते प्रदेशभर में 250 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। इनमें अकेले मंडी जिले की 182 सड़कें शामिल हैं। मंडी जिले में 30 जून को बादल फटने की घटना से हालात अब तक सामान्य नहीं हो सके हैं। सिरमौर जिले में 26, कुल्लू में 23, कांगड़ा में 10, सोलन में 6 और ऊना में 3 सड़कें बंद हैं।

मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मंडी के जोगिंदरनगर और शिमला के सराहन में सर्वाधिक 40-40 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। सिरमौर के जतौंन बैरेज, कुल्लू के कोठी और शिमला के शिलारू में 30-30 मिमी बारिश हुई है।

बारिश से बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हुई है। राज्य में 81 बिजली ट्रांसफार्मर और 61 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी हैं, जिनमें मंडी जिले के 39 ट्रांसफार्मर और 50 पेयजल योजनाएं प्रमुख हैं। कुल्लू जिले में 40 ट्रांसफार्मर बंद हुए हैं।

मानसून सीजन में अब तक राज्य में 110 लोगों की मौत हो चुकी है, 35 लापता हैं और 199 घायल हुए हैं। सबसे अधिक मौतें मंडी जिले में हुई हैं, जहां 20 की जान गई और 27 लापता हैं। कांगड़ा में 19, कुल्लू में 11, हमीरपुर और चम्बा में 9-9 तथा सोलन, बिलासपुर और ऊना में 8-8 लोगों की मौत दर्ज की गई है।

मानसून के दौरान राज्य में वित्तीय नुकसान भी भारी हुआ है। अब तक लगभग 1220 करोड़ की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को सर्वाधिक 546 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 434 करोड़ का नुकसान हुआ है।

राज्य में 377 घर और 256 दुकानें पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं, जबकि 723 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। मंडी जिले में ही 350 घर, 233 दुकानें और 746 गौशालाएं पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। वहीं जिला में 544 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। राज्य में मानसून के दौरान पशुपालन और कृषि क्षेत्र को भी गहरा नुकसान हुआ है। अब तक 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 1272 पालतू पशु मारे जा चुके हैं। मानसून सीजन में बादल फटने की 22, अचानक बाढ़ की 32 और भूस्खलन की 19 घटनाएं दर्ज की गई हैं।

—————

(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

Loving Newspoint? Download the app now