जयपुर, 16 अप्रैल . जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 15 साल पुरानी नींदड आवासीय योजना में फिर से अवाप्ति प्रक्रिया शुरू करने के विरोध में बुधवार को बड़ी संख्या में किसानों ने जेडीए कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. किसानों ने जेडीए के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार को अंग्रेजों जैसा रवैया अपनाने के लिए काेसा. किसानों का कहना है कि वे अपनी हक की जमीन किसी भी सूरत में सरकार को नहीं देंगे. चाहे उन्हें इसके लिए किसी भी हद तक जाना पड़े. किसानों की भीड़ देखकर एक बार तो जेडीए प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. भीड़ को देखकर पुलिस को बुलाया गया. अधिकारियों ने पुलिस की मौजूदगी में किसानों के साथ समझाइस की. उचित कार्रवाई के आश्वासन के बाद किसान मान गए. साल 2017 में जेडीए की भूमि अवाप्ति कार्रवाई के खिलाफ नींदड़ में किसानों ने जमीन समाधि सत्याग्रह शुरू किया था, जो कि मांगे पूरी होने के चलते लगातार अलग-अलग तरह से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है.
हाल ही में जेडीए ने दुबारा सर्वे और खातेदारों से सहमति के बाद 26 किसानों को आरक्षण पत्र जारी किए थे. खातेदारों और जेडीए के बीच अवाप्ति को लेकर विवाद खड़ा होने के कारण जमीन अवाप्ति नहीं की गई थी. जेडीए ने नवंबर-दिसंबर में फिर से सर्वे किया था और खातेदारों से वार्ता का 7 बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद शुक्रवार को जोन-12 उपायुक्त राकेश कुमार मीणा ने 26 खातेदारों से 15 बीघा जमीन अवाप्त कर 25 फीसदी मुआवजे का आरक्षण पत्र दिया.
जेडीए के पास केवल 40 हैक्टेयर जमीन
जेडीए के पास इस योजना में 40 हैक्टेयर जमीन है. इस योजना में अवाप्ति करने के बाद जेडीए की सबसे बड़ी आवासीय योजना लाने की प्लानिंग कर रहा है. इस योजना में आवासीय योजना में कुल 6520 भूखंड होंगे. इनमें 883 दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान होंगे. सरकार ने 31 मई 2013 को योजना का अवॉर्ड जारी किया था और किसानों से करीब 800 बीघा जमीन अवाप्त करनी है.
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/ राजेश
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