भोपाल, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में कागजों पर संचालित हो रहे 250 से अधिक निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई है। दरअसल, ये निजी स्कूल आवश्यक भूमि दस्तावेज उपलब्ध कराने में असमर्थ रहे। इनमें से कुछ स्कूलों के पास मान्यता के लिए जरूरी भूमि नहीं थी, जबकि अन्य रजिस्ट्री से संबंधित कागजात प्रस्तुत नहीं कर सके। चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई कि कुछ स्कूल सिर्फ कागजों में ही संचालित हो रहे थे, वास्तविक रूप से उनका कोई ठोस अस्तित्व नहीं था।
दरअसल, इन स्कूलों की अपीलों को प्रदेश स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने खारिज कर दिया। इसके बाद शनिवार को लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने मान्यता समाप्ति के आदेश जारी कर दिए हैं।
दरअसल, प्रदेश में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों की मान्यता प्रक्रिया में पहले आवेदन संभागीय संयुक्त संचालकों के पास जाते हैं, यदि वहां से नामंजूर होते हैं तो दूसरी अपील विभागीय मंत्री के पास जाती है। इसी प्रक्रिया के तहत 350 स्कूलों के प्रकरण मंत्री के पास पहुंचे थे, जिनमें से सिर्फ 50 स्कूलों को मान्यता मिली, जबकि 50 को होल्ड पर रखा गया।
भोपाल के 12 स्कूलों, जिनमें अंकुर हायर सेकेंडरी, सेवन हिल्स, प्रीति हायर सेकेंडरी, राजपुष्पा, पार्थ और ज्ञान कृष्णा जैसे नाम शामिल हैं, की मान्यता भूमि संबंधित नियमों को पूरा न करने के कारण समाप्त कर दी गई। मान्यता के लिए हाईस्कूल के लिए कम से कम 4000 वर्गफीट और हायर सेकेंडरी के लिए 5600 वर्गफीट भूमि (निर्मित व खुली) जरूरी है। इसके साथ ही मूलभूत सुविधाएं जैसे शौचालय और प्रयोगशाला भी अनिवार्य हैं। इन मापदंडों को पूरा न करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की गई है।
(Udaipur Kiran) तोमर
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