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एसीबी ने पंचायती राज विभाग के उपनिदेशक शैलेश को किया गिरफ्तार

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रांची, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने हजारीबाग वन भूमि घोटाला मामले में बुधवार को शैलेश कुमार को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. शैलेश कुमार वर्तमान में पंचायती राज विभाग में उपनिदेशक के पद पर पदस्थापित हैं. वन भूमि घोटाले के समय वो हजारीबाग जिले में सदर अंचल के सीओ के पद पर पदस्थापित थे. वन भूमि घोटाले में गिरफ्तार हो चुके विनय कुमार सिंह को भी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी. विनय कुमार सिंह के ठिकानों पर छापेमारी के बाद कई जमीन की डीड सहित अन्य दस्तावेज भी एसीबी को मिले हैं. वहीं, विनय कुमार चौबे के डीसी रहने के दौरान दस्तावेज का हेरफेर कर जमाबंदी कराई गई थी. इस मामले में प्रारंभिक साक्ष्य के आधार पर दोनों आरोपियों से पूछताछ होगी. वहीं, एसीबी इस केस में विनय कुमार सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है.

बीते सात अक्टूबर को एडीएम रैंक की अफसर अलका कुमारी का बयान हजारीबाग एसीबी की विशेष कोर्ट में दर्ज करवाया है. अलका कुमारी पूर्व में हजारीबाग जिले में सदर सीओ के पद पर पदस्थापित रह चुकी है. उन्होंने कोर्ट में दिए अपने बयान में कहा है कि वर्ष 2010 में जब वह हजारीबाग जिले में सदर सीओ के पद पर पदस्थापित थीं उस दौरान एक दिन तत्कालीन डीसी विनय चौबे ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया. जब वह डीसी के कार्यालय पहुंची तो वहां एक व्यक्ति पहले से बैठा हुआ था.

बयान में अलका कुमारी ने कहा है कि विनय चौबे ने उस व्यक्ति का परिचय कराते हुए बताया कि उस व्यक्ति का नाम विनय सिंह है. इसके बाद अलका कुमारी को एक दस्तावेज दिया गया और दाखिल खारिज (म्यूटेशन) करने की बात कही गई.

दस्तावेज का निरीक्षण करने पर पता चला कि 72 डिसमिल भूमि रैयती खाते की थी और 28 डिसमिल भूमि गैरमजरुआ खास किस्म की भूमि थी. अलका कुमारी ने विनय चौबे को यह बताया कि गैरमजरुआ खास किस्म की भूमि का म्यूटेशन करना नियमसंगत नहीं है. इसके बाद विनय चौबे ने राजस्व कर्मचारी संतोष कुमार वर्मा को बुलाया और जांच रिपोर्ट देने का आदेश दे दिया.

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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे

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