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भारत विभाजन के लिए कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए: योगी आदित्यनाथ

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विभाजन विभीषिका दिवस पर भाजपा ने प्रदेशभर में की संगोष्ठी व निकाली यात्रा

लखनऊ, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी की ओर से विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर गुरूवार को प्रदेशभर में संगोष्ठी का आयोजन किया गया और कई स्थानों पर मौन यात्रा निकाली गयी। संगोष्ठी में वक्ताओं ने विभाजन के कारणों पर प्रकाश डालते हुए विभाजन विभीषिका की त्रासदी के शिकार लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। राजधानी लखनऊ में भागीदारी भवन में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर संगोष्ठी आयोजित की गयी। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य,ब्रजेश पाठक व पूर्व उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा मौन जुलूस में सहभागी होकर, विभाजन की पीड़ा सहने वाले करोड़ों देशवासियों के साहस, बलिदान और संघर्ष को हृदय से नमन किया।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 14 अगस्त 1947 का दिन भारतीय इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है, जब विभाजन की त्रासदी ने लाखों भारतीयों की जिंदगी को छिन्न-भिन्न कर दिया था। इस विभाजन में लगभग डेढ़ से दो करोड़ लोगों का पलायन हुआ, 15 से 20 लाख लोगों का कत्लेआम हुआ और लाखों भारतीयों को अपने ही घरों से बेघर होकर दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी। यह त्रासदी इतनी भयानक थी कि आज तक इसके निशान भारतीय समाज में मौजूद हैं और यह कभी विस्मृत नहीं हो सकती।

यह विभाजन एक नैतिक और मानवीय अपराध था, जिसे कांग्रेस ने अपनी तुष्टीकरण की नीति के तहत साकार किया। इस कृत्य के लिए कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए।

कांग्रेस आज भी देश की जनता को गुमराह करने की कर रही कोशिश

सीएम ने कहा कि यह कांग्रेस वही पार्टी है, जिसने देश के संविधान का गला घोंटा और आपातकाल की आड़ में लोकतंत्र की हत्या की। यह वही कांग्रेस है, जिसने 1984 में सिखों के कत्लेआम को अंजाम दिया और आज भी अपने नेताओं के गलत फैसलों का परिणाम भुगतने की जगह, जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने 15 अगस्त 2021 को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस स्मृति दिवस को शुरू कर देशवासियों को यह समझने का अवसर दिया कि विभाजन से पहले और बाद की क्या भयावह स्थितियां थीं। यह दिवस हमें यह याद दिलाता है कि 1947 में कितनी भयानक घटनाएं घटीं, जब लाखों लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे। उत्तर प्रदेश सरकार ने विभाजन के शिकार परिवारों के लिए एक व्यापक कार्य योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि हम उन परिवारों के लिए जो विभाजन के दौरान नागरिकता से वंचित हो गए थे, एक बड़ा राहत पैकेज तैयार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजनौर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और रामपुर जैसे जिलों में इन परिवारों के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसे जल्द ही पूरा किया जाएगा।

भारत की अखंडता और एकता के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 के विभाजन के शिकार हुए लोगों के लिए किसी संग्रहालय, स्मारक या श्रद्धांजलि स्थल का निर्माण नहीं किया गया। हम सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं जिन्होंने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की शुरुआत की और ऐसे परिवारों के लिए एक संग्रहालय और डिजिटल आर्काइव स्थापित करने की घोषणा की। उन्हाेंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को 1947 के विभाजन के लिए माफी मांगनी चाहिए और 1984 के सिख कत्लेआम, 1975 के आपातकाल और कश्मीर में धारा 370 लागू करने के लिए भी अपनी गलतियों का अहसास करना चाहिए। उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का समर्थन करते हुए कहा कि हम उन शरणार्थियों को सम्मान और नागरिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो विभाजन के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए थे।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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