जम्मू, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) . जल शक्ति, वन पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण तथा जनजातीय मामलों के मंत्री जावेद अहमद राणा ने जम्मू विश्वविद्यालय में जम्मूईत और जबान-ओ-अदब शीर्षक से दो दिवसीय जम्मू भाषा सम्मेलन का उद्घाटन किया. जोकि हिमालयन एजुकेशन मिशन राजौरी के सहयोग से आयोजित किया गया.
समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री ने विभिन्न भाषाओं के विद्वानों और उत्साही लोगों को एक साथ लाने वाले सेमिनार के चुनौतीपूर्ण कार्य के लिए उर्दू विभाग की सराहना की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की शैक्षणिक पहल क्षेत्र की सांस्कृतिक और भाषाई विरासत को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. उन्होंने विविध भाषाई पृष्ठभूमि के विशेषज्ञों को एकजुट करने के विभाग के प्रयासों की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि साहित्यिक गतिविधियों को समृद्ध बनाने के लिए इस तरह के मंच आवश्यक हैं.
संस्थागत समर्थन के महत्व पर बल देते हुए मंत्री ने विश्वविद्यालय में सभी क्षेत्रीय भाषाओं के लिए एक अनुसंधान केंद्र की स्थापना की वकालत की जिसका उद्देश्य क्षेत्र की भाषाई विविधता के अध्ययन, दस्तावेजीकरण और संरक्षण को बढ़ावा देना है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक भाषा को विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर जैसे भाषाई रूप से विविध क्षेत्र में अपने प्रचार और पुनरुद्धार के लिए समर्पित सांस्कृतिक और साहित्यिक पहल की आवश्यकता होती है. राणा ने उर्दू विभाग की जम्मू-कश्मीर के साहित्यिक इतिहास में सीमित ध्यान पाने वाले विषय पर सफलतापूर्वक सम्मेलन आयोजित करने के लिए प्रशंसा की और आयोजन की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएँ दीं.
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
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