जौनपुर, 04 सितम्बर (Udaipur Kiran) । वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान लैब में गुरुवार को शिक्षक दिवस का आयोजन हुआ। विद्यार्थियों ने अपने शिक्षकों के सम्मान में कविताएँ और गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में शिक्षकों ने विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाते हुए विचार रखे। व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग अध्यक्ष ने कहा कि “शिक्षक केवल ज्ञान देने वाला नहीं, बल्कि जीवन में सही दिशा दिखाने वाला पथ प्रदर्शक होता है। विद्यार्थी सदैव प्रश्न पूछें और सीखने की जिज्ञासा जीवित रखें।”
संकाय अध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्र ने कहा कि शिक्षक का दायित्व केवल शिक्षा देना ही नहीं, बल्कि विद्यार्थियों में मानवीय संवेदनाओं और मूल्यों का विकास करना भी है। यही शिक्षा की पूर्णता है। जनसंचार विभाग के डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि शिक्षा का असली उद्देश्य व्यक्तित्व का विकास है। शिक्षक और विद्यार्थी मिलकर समाज को नई दिशा दे सकते हैं। व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग की डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव ने कहा कि गुरु-शिष्य का सम्बंध सदियों से भारतीय संस्कृति की आत्मा रहा है। विद्यार्थी अपने जीवन में अनुशासन और परिश्रम को अपनाएं।
डॉ. मनोज पांडे ने कहा कि शिक्षक दिवस केवल स्मरण का दिन नहीं बल्कि आत्ममंथन का अवसर है। शिक्षक तभी सफल हैं जब उनके विद्यार्थी समाज में जिम्मेदार भूमिका निभाएं। डॉ. अनु त्यागी ने कहा कि विद्यार्थी अपने सपनों को साकार करने के लिए शिक्षा को साधन बनाएं। शिक्षकों का सम्मान ज्ञान की रोशनी को और प्रखर करता है।
कार्यक्रम में सुमित सिंह, शैम्पी अग्रहरि, शिवकांत ओझा, अमन कौन्नौजिया आदि ने अपनी प्रस्तुति दी। इस अवसर पर डॉ चंदन सिंह डॉ. अमित मिश्र, डॉ सुरेंद्र कुमार, अर्पित समेत सभी विद्यार्थियों ने शिक्षकों से प्रेरणा ली। कार्यक्रम का संचालन मनोविज्ञान विभाग की छात्रा प्रीति सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन सिद्धार्थ जायसवाल ने किया।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
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