लुधियाना। बीती रात फील्ड गंज चौक स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद में पंजाब भर की मस्जिदों के इमाम साहिबान, प्रधान साहिबान और मुस्लिम सियासी सामाजिक संगठनों के नेताओं की एक विशेष मीटिंग शाही इमाम पंजाब मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी राष्ट्रीय अध्यक्ष मजलिस अहरार इस्लाम की अगुवाई में हुई। इस मीटिंग में जिला लुधियाना जिला मलेरकोटला जिला जालंधर जिला अमृतसर जिला तरनतारन जिला गुरदासपुर जिला पठानकोट जिला होशियारपुर जिला रूपनगर जिला नवांशहर जिला मोहाली जिला पटियाला जिला फतेहगढ़ साहिब जिला संगरूर जिला बरनाला जिला बठिंडा जिला मोगा जिला फिरोजपुर जिला मानसा जिला कपूरथला जिला फरीदकोट जिला मुक्तसर से मुसलमान पदाधिकारी शामिल हुए। इस राज्य स्तरीय मीटिंग में केंद्र सरकार की ओर से बीते दिनों में लागू किए गए नए वक्फ कानून 2025 को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसको रद्द करने की मांग की गई।
इस मौके पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए शाही इमाम पंजाब मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने कहा कि केंद्र सरकार का चालाकी से यह कह देना कि वक्फ बोर्ड सिर्फ एक प्रबंधकिए संस्था है यह मुसलमानो की धार्मिक संस्था नहीं है सरासर गलत है वक्फ बोर्ड मुसलमानों की निरोल धार्मिक संस्था है क्योंकि वक्फ जायदादों की यह रक्षा करता है जो सारी की सारी खुदा के नाम पर ही वक्फ की जाती है शाही इमाम ने कहा कि वक्फ बोर्ड में दो एक्सपर्ट गैर मुस्लिम मेंबरों को नामजद किए जाने की परवानगी इस कानून में दी गई है जो की दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि हर एक धर्म का व्यक्ति ही जानता है कि उसके धर्म की क्या मर्यादा है इसलिए किसी गैर धर्म के व्यक्ति को किसी दूसरे धर्म की संस्था में नियुक्त नहीं जा सकता। इस मौके पर सर्व समिति से जो प्रस्ताव पारित किए गए हैं उसमें सबसे पहले और विशेष प्रस्ताव यह है कि इजलास के सभी सदस्यों ने पंजाब के मुख्य मंत्री जनाब भगवंत सिंह मान से यह मांग की है कि आप पंजाब विधान सभा का विशेष सत्र बुला कर केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए वक्फ कानून 2025 को पंजाब में लागू ना किया जाने का प्रस्ताव पारित करें बिल्कुल उसी तरह जिस तरह की कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए सीएए और एनआरसी कानून को पंजाब में लागू करने से इनकार कर दिया था इस इजलास में यह प्रस्ताव भी पास किया गया कि पंजाब सरकार से अपनी यह मांग रखने के लिए पंजाब भर के सभी हलकों के मुसलमान लीडर अपने-आपने विधायको के पास जाकर यह मांग रखें ताकि उनकी यह बात पंजाब सरकार तक राज्य के हर इलाके से पहुंच सके इस इजलास में भारत की राष्ट्रीय मुस्लिम लीडरशिप की ओर से वक्फ कानून की विरोधता को लेकर किया जा रहे संघर्षों की प्रशंसा की गई और इसके साथ-साथ यह प्रस्ताव भी पारित किया गया कि राष्ट्रीय मुस्लिम धार्मिक नेताओं और सियासी सामाजिक नेता मुसलमान कि अगर सही अगुवाई करना चाहते हैं तो वह पार्लियामेंट में चुनाव जीत कर जाने का रास्ता बनाएं ना कि सिर्फ धरने प्रदर्शनों के माध्यम से अपनी बात रखें शाही इमाम ने कहा कि बहुत सारे लोग इसको संविधान की रक्षा का मुद्दा कम और सियासी मुद्दा ज्यादा बना रहे हैं जबकि जरूरत है कि देश भर के लोगों को जागरूक किया जाए कि यह सिर्फ एक वक्फ कानून का मसाला नहीं है बल्कि धार्मिक आजादी के ऊपर एक तरह से प्रतिबंध है जो आने वाले समय में और लोगों को भी झेलना पड़ सकता है।
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