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एक मामूली बहस ने ले ली जान! सिर दीवार पर पटकने से हुई पड़ोसी की मौत!

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देहरादून के विकासनगर इलाके में एक सनसनीखेज घटना ने सभी को चौंका दिया। एक छोटी सी बात पर शुरू हुई बहस ने इतना भयानक रूप ले लिया कि एक शख्स की जान चली गई। मामला मोटरसाइकिल खड़ी करने को लेकर हुआ विवाद था, जो देखते ही देखते हिंसा में बदल गया। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए सबक है, बल्कि यह भी बताती है कि गुस्से पर काबू न रखने के कितने गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

क्या थी पूरी घटना?

5 अप्रैल 2025 की दोपहर को विकासनगर के गुडरिच इलाके में रहने वाले 58 साल के देवीदीन और उनके पड़ोसी 44 साल के संदीप के बीच कुछ कहासुनी हो गई। दोनों एक ही मकान में किराए पर रहते थे और उस दिन साथ में खाना-पीना कर रहे थे। इसी दौरान मोटरसाइकिल खड़ी करने की बात पर दोनों में तकरार शुरू हुई। गुस्से में आकर संदीप ने देवीदीन का सिर दीवार पर दे मारा। इस हमले में देवीदीन को गंभीर चोटें आईं और पड़ोसियों ने उन्हें तुरंत सीएचसी विकासनगर पहुंचाया। लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस दुखद घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी।

पुलिस ने कैसे पकड़ा आरोपी को?

देवीदीन की बेटी लक्ष्मी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद कोतवाली विकासनगर में संदीप के खिलाफ गैर इरादतन हत्या (धारा 105 BNS) का मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया और घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए। जांच के दौरान पुलिस को एक लकड़ी का डंडा भी मिला, जिसे हत्या में इस्तेमाल किया गया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के निर्देश पर एक विशेष टीम बनाई गई। टीम ने मुखबिरों की मदद से सुराग जुटाए और आखिरकार 6 अप्रैल 2025 को संदीप को मेला ग्राउंड बाड़वाला से धर दबोचा।

आरोपी ने क्या बताया?

पुलिस पूछताछ में संदीप ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसकी मोटरसाइकिल मृतक के कमरे के सामने खड़ी थी, जिसे लेकर दोनों में बहस हुई। देवीदीन ने उसे गालियां दीं, जिससे गुस्से में आकर उसने पास पड़ा डंडा उठाया और हमला कर दिया। हमले के बाद वह मौके से भाग गया था। संदीप का कहना है कि उसका इरादा हत्या का नहीं था, लेकिन गुस्से में उठाया गया कदम जिंदगी भर का पछतावा बन गया।

पुलिस की सक्रियता और सबक

दून पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने लोगों में भरोसा जगाया है। घटना के बाद पुलिस ने न सिर्फ साक्ष्य जुटाए, बल्कि आरोपी को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया। यह मामला हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना कितना खतरनाक हो सकता है। अगर संदीप ने उस पल अपने गुस्से पर काबू किया होता, तो शायद आज एक परिवार अपने मुखिया को न खोता।

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