सावन का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए बेहद खास होता है। यह वह समय है जब भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए भक्त उनके प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को और गहरा करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन माह में शिव आराधना, जलाभिषेक और मंत्र जाप से न केवल मन की शांति मिलती है, बल्कि मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। खासकर सावन के सोमवार को भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिव चालीसा पढ़ने से पहले कुछ खास तैयारियां करनी चाहिए? आइए, इस लेख में हम आपको बताते हैं कि सावन में भगवान शिव की पूजा और शिव चालीसा पढ़ने का सही तरीका क्या है, ताकि आप भोलेनाथ की कृपा के पात्र बन सकें।
सावन का महत्व और भगवान शिव की कृपासावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि इस माह में भोलेनाथ अपने भक्तों की पुकार जल्दी सुनते हैं। सावन के सोमवार, जिन्हें 'श्रावण सोमवार' भी कहा जाता है, विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं। इस दौरान शिवलिंग पर जलाभिषेक, बेलपत्र, और धतूरे जैसे पवित्र चीजों का अर्पण करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। लेकिन पूजा का असली लाभ तभी मिलता है, जब इसे सही विधि-विधान से किया जाए। शिव महापुराण में इस बात का उल्लेख है कि शिव चालीसा पढ़ने से पहले कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
शिव पूजा की सही विधिसावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है, और इसे करने का एक खास तरीका है। पूजा शुरू करने से पहले सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करके स्वच्छ श्वेत वस्त्र धारण करें। श्वेत रंग भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इसके बाद कुश के आसन पर बैठें और भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग को अपने सामने रखें। पूजा शुरू करने से पहले शिवलिंग पर जलाभिषेक करें। जलाभिषेक के बाद चंदन, चावल, आक के फूल, धूप, दीप, धतूरे का फल और बेलपत्र अर्पित करें। ये सभी चीजें भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं और इन्हें अर्पित करने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।
शिव चालीसा पढ़ने से पहले करें ये मंत्र जापशिव चालीसा पढ़ने से पहले भगवान शिव की स्तुति में एक विशेष मंत्र का जाप करना चाहिए। यह मंत्र है:
कर्पूर गौरम करुणावतारं, संसारसारं भुजगेंद्रहारम्। सदा वसंतं हृदयारविन्दे, भवं भवानीसहितं नमामि॥
इस मंत्र का अर्थ है कि जो कपूर जैसे गोरे रंग वाले, करुणा के अवतार, संसार के सार और सर्पों का हार धारण करने वाले भगवान शिव हैं, वे माता पार्वती सहित मेरे हृदय में हमेशा निवास करें। इस मंत्र का जाप करने के बाद भगवान को पुष्प अर्पित करें। इसके बाद शिव चालीसा का पाठ शुरू करें। पाठ के अंत में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप तुलसी या सफेद चंदन की माला से करें। यह मंत्र भगवान शिव की भक्ति को और गहरा करता है।
क्यों खास है सावन का दूसरा सोमवार?सावन 2025 का दूसरा सोमवार भक्तों के लिए एक और अवसर लेकर आया है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भक्त सुबह जल्दी उठकर शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाते हैं। साथ ही, शिव चालीसा और मंत्रों का जाप करके भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करते हैं। इस दिन की पूजा से न केवल मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और शांति का भी संचार होता है।
भक्ति के साथ करें पूजा, मिलेगा आशीर्वादसावन में भगवान शिव की पूजा का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह भक्तों को आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्रदान करता है। पूजा के दौरान मन में श्रद्धा और भक्ति का भाव रखना सबसे जरूरी है। जब आप पूरे मन से भोलेनाथ की आराधना करते हैं, तो वे आपके जीवन की हर बाधा को दूर करते हैं। इसलिए, इस सावन में नियमित रूप से शिवलिंग पर जलाभिषेक करें, शिव चालीसा का पाठ करें और 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
सावन का यह पवित्र महीना आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लेकर आए। भगवान शिव की कृपा आप पर बनी रहे। जय भोलेनाथ!
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